देश की खबरें | जम्मू में राजभवन की ओर कूच कर रहे कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया गया

जम्मू, 18 जुलाई जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर अंकुश लगाने में भाजपा नीत केंद्र सरकार की कथित विफलता और उपराज्यपाल की शक्तियों के विरोध में बृहस्पतिवार को राजभवन का ‘घेराव’ करने जा रहे कांग्रेस नेताओं को यहां हिरासत में ले लिया गया।

कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर प्रभारी भरत सिंह सोलंकी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकार रसूल वानी और कई पूर्व मंत्रियों तथा पूर्व विधायकों के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता रेजिडेंसी रोड स्थित पार्टी मुख्यालय से बाहर आए और राजभवन की ओर कूच शुरू कर दिया।

हालाँकि, भारी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोका, लेकिन वे नारेबाजी करते हुए अवरोधकों को पार कर गए और वहां से लगभग एक किलोमीटर आगे निकल गए। इसके बाद उनके नेताओं को हिरासत में ले लिया गया और पुलिस वाहनों में ले जाया गया।

सोलंकी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विकास को लेकर भाजपा के सभी बड़े दावे विफल हो गए हैं और उपराज्यपाल को सभी शक्तियां देने का मतलब दिल्ली से जम्मू-कश्मीर पर शासन करना है जो लोकतंत्र के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन लोगों के साथ खड़ी है जो आतंकी गतिविधियों, महंगाई और बेरोजगारी में वृद्धि के कारण बेहद पीड़ित हैं।

सोलंकी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दौरान जम्मू क्षेत्र आतंकवाद से मुक्त हो गया था। शांतिपूर्ण जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद का फिर से पनपना चिंता का गंभीर कारण है और यह सरकार की विफलता को दर्शाता है।’’

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख वानी ने भी भाजपा पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए हुए पांच साल बीत चुके हैं लेकिन आतंकवाद का कोई अंत नहीं हुआ है जो केंद्र शासित प्रदेश के नए क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर को भारत के मुकुट के रूप में जाना जाता था, लेकिन भाजपा की नीतियों ने इसे नष्ट कर दिया और इसके लोगों को भी अपमानित किया। अगर सारी शक्तियां उपराज्यपाल के पास ही रहेंगी तो विधानसभा चुनाव कराने का क्या फायदा है।’’

वानी ने कहा कि कांग्रेस आने वाले दिनों में आंदोलन को जिला मुख्यालय और ब्लॉक स्तर तक ले जाकर तेज करेगी।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि उपराज्यपाल को बेहिसाब शक्तियां देने जैसे काले कानूनों को रद्द किया जाए, चुनाव से पहले राज्य का दर्जा बहाल हो और बढ़ते आतंकवाद को खत्म करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।’’

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