देश की खबरें | वार्ता के जरिए मतभेदों के समाधान को लेकर आश्वस्त हैं : भारत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई बिंदुओं से बलों की वापसी के बीच भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह वार्ता के जरिए मतभेदों के समाधान को लेकर आश्वस्त है और सीमा क्षेत्रों में अमन-चैन बनाए रखने की आवश्यकता को समझता है।
नयी दिल्ली, नौ जुलाई चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई बिंदुओं से बलों की वापसी के बीच भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह वार्ता के जरिए मतभेदों के समाधान को लेकर आश्वस्त है और सीमा क्षेत्रों में अमन-चैन बनाए रखने की आवश्यकता को समझता है।
इसके साथ ही भारत ने कहा कि वह अपनी सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाना चाहिए, क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्रों में यही शांति और स्थिरता का आधार है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ पिछले रविवार को बातचीत में गलवान घाटी सहित एलएसी पर हुए हालिया घटनाक्रमों को लेकर भारत के रुख से उन्हें अवगत कराया था।
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सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि डोभाल और वांग ने फोन पर बातचीत की थी, जिसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में टकराव बिंदुओं से बलों को पीछे हटाना शुरू कर दिया था।
श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्षों के सैन्य और राजनयिक अधिकारी सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये बैठकें जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार-विमर्श एवं समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की अगली बैठक जल्द ही होने की संभावना है।’’
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हम वार्ता के जरिए मतभेदों के समाधान को लेकर आश्वस्त हैं और सीमा क्षेत्रों में अमन-चैन बनाए रखने की आवश्यकता को समझते हैं। इसके साथ ही हम अपनी सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’’
उल्लेखनीय है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय सेना के साथ बनी आपसी सहमति के अनुसार, पूर्वी लद्दाख के गोग्रा और हॉट स्प्रिंग्स में टकराव स्थलों से अपने बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को पूरी कर दी।
इस घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में तनाव और कम करने के लिए दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ताएं होनी हैं।
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