पूर्व सीएम Mehbooba Mufti पर देशद्रोह को लेकर अदालत में परिवाद दायर

सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रकिशोर पराशर ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद पत्र दायर करके कहा कि महबूबा मुफ्ती की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी हालिया मुलाकात से पहले और बाद मुफ्ती ने पत्रकारों से कहा था कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली और उसका विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए भारत सरकार को वहां की अवाम के साथ साथ पाकिस्तान से भी बात करनी चाहिए.

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Photo Credits: PTI)

मुजफ्फरपुर, एक जुलाई: बिहार में मुजफ्फरपुर की एक अदालत में बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए एक परिवाद पत्र दायर किया गया. सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रकिशोर पराशर ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद पत्र दायर करके कहा कि महबूबा मुफ्ती की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी हालिया मुलाकात से पहले और बाद मुफ्ती ने पत्रकारों से कहा था कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली और उसका विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए भारत सरकार को वहां की अवाम के साथ साथ पाकिस्तान से भी बात करनी चाहिए.

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि मुफ्ती ने उक्त बयान जानबूझ कर सोची समझी साजिश के तहत जम्मू कश्मीर में शांति बहाली एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करने एवं भ्रम फैलाते हुए देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने के उद्देश्य से दिया था. पराशर ने आरोप लगाया कि मुफ्ती ने ऐसा बयान जम्मू कश्मीर के युवकों को देशद्रोह और आतंकवाद के लिए उकसाने के उद्देश्य से दिया गया इसलिए उनके खिलाफ भादंसं की धाराओं-- 109, 110, 111; 120 बी; 124; 323 और 504 के तहत मुकदमा चलाया जाए.

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उन्होंने यह भी दावा किया है कि समाचार पत्रों और समाचार चैनलों में मुफ्ती की टिप्पणियों की खबरों ने उन्हें मानसिक अशांति पहुंचायी और चिकित्सा उपचार लेने के लिए मजबूर किया.

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