सोशल मीडिया में शरद पवार पर टिप्पणी: उच्च न्यायालय ने प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी अपलोड करने के मामले में आरोपी मराठी अभिनेत्री केतकी चितले और छात्र निखिल भामरे के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियों को बंबई उच्च न्यायालय ने जोड़ने का निर्देश दिया.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Photo Credits ANI)

मुंबई, 22 अगस्त : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी अपलोड करने के मामले में आरोपी मराठी अभिनेत्री केतकी चितले और छात्र निखिल भामरे के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियों को बंबई उच्च न्यायालय ने जोड़ने का निर्देश दिया. जिस पुलिस थाने में उनके खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी वहीं बाकी प्राथमिकियां भी जोड़ी जाएंगी. चितले के खिलाफ कुल 22 प्राथमिकी हैं जबकि नासिक के रहने वाले भामरे के खिलाफ छह प्राथमिकी हैं.

उच्च न्यायालय के आदेश के साथ, चितले के खिलाफ सभी प्राथमिकी अब पड़ोसी ठाणे जिले के कलवा पुलिस थाने में उसके खिलाफ दर्ज पहली प्राथमिकी के साथ जोड़ दी गई हैं. भामरे के खिलाफ सभी प्राथमिकी अब ठाणे के नौपाड़ा में उसके खिलाफ दर्ज पहली प्राथमिकी के साथ जोड़ दी गई हैं. न्यायमूर्ति एन एम जामदार और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का संज्ञान लिया जो कहता है कि जब कई प्राथमिकी हों तब मामले में दर्ज पहली प्राथमिकी को मुख्य माना जा सकता है और बाकी मामलों को पहली प्राथमिकी में गवाह का बयान माना जा सकता है. यह भी पढ़ें : राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव नामांकन के दौरान विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसरों में हंगामा

पीठ ने महाराष्ट्र सरकार और मामले में सभी शिकायतकर्ताओं को चितले व भामरे द्वारा दायर याचिका पर अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया. चितले और भामरे ने याचिकाओं में गलत तरीके से गिरफ्तारी के लिए मुआवजे और उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की मांग की है. चितले व भामरे को इस साल मई में गिरफ्तार किया गया था और जून में जमानत पर रिहा किया गया.

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