देश की खबरें | पत्रकार के खिलाफ टिप्पणी : उच्च न्यायालय ने शिवसेना नेता को गिरफ्तारी से दी अंतरिम राहत

मुंबई, 30 अगस्त बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना नेता वामन म्हात्रे द्वारा एक महिला पत्रकार के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी का उद्देश्य उन्हें जाति के आधार पर अपमानित करना नहीं था। अदालत ने इसी के साथ म्हात्रे को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दे दिया।

बदलापुर के स्कूल में यौन उत्पीड़न की घटना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान महिला पत्रकार के विरुद्ध कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में म्हात्रे के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सदस्य म्हात्रे ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय में कल्याण सत्र अदालत द्वारा 29 अगस्त को दिए आदेश को चुनौती दी, जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की एकल पीठ ने कहा कि प्राथमिकी की प्रति और शिकायतकर्ता के बयान पर गौर करने के बाद प्रथम दृष्टया पता चलता है कि आवेदक (म्हात्रे) के बयान शिकायतकर्ता की जाति को अपमानित करने के इरादे से नहीं थे।

अदालत ने कहा, ‘‘उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रकृति को देखते हुए, मेरे विचार में आवेदक अंतरिम संरक्षण का हकदार है। प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं लगता है कि ये बातें शिकायतकर्ता की जाति को अपमानित करने के लिए कही गई थीं।’’

न्यायमूर्ति मार्ने ने कहा कि अधिक से अधिक यह हो सकता है कि म्हात्रे ने ये टिप्पणियां शिकायतकर्ता को व्यक्तिगत रूप से अपमानित करने के इरादे से कीं हों।

अदालत इस मामले पर अब चार सितंबर को सुनवाई करेगी।

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