IND vs SA 1st Test 2023: सेंचुरियन, 23 दिसंबर हालात के अनुसार सर्वश्रेष्ठ संयोजन हमेशा टीम की सर्वश्रेष्ठ एकादश नहीं होती जिससे ‘बॉक्सिंग डे’ पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरूआती टेस्ट के लिए सही संयोजन ढूंढना भारत के लिये निश्चित रूप से मुश्किल भरा काम होगा. कम से कम दो स्थान ऐसे होंगे जिसके लिए मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को परेशानी होगी. सबसे मुश्किल भरा मुद्दा भारत के लिए यह होगा कि केएल राहुल को बल्लेबाजी मजबूत करने के लिए विकेटकीपिंग करने को कहा जायेगा. इसके अलावा सबसे पेचीदा मुद्दा मुकेश कुमार और प्रसिद्ध कृष्णा में से किसी एक को चुनने का होगा जो टखने की चोट से उबर रहे मोहम्मद शमी की जगह लेंगे. यह भी पढ़ें: साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच पहले सेंचुरियन के पिच क्यूरेटर ने किया सावधान, पहले दिन बारिश का खतरा, तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होगी पिच
देखा जाये तो कुछ फैसले सीधे लग सकते हैं लेकिन भारतीय टीम प्रबंधन के लिए चीजें उतनी आसान नहीं होगी. सेंचुरियन की पिच तेज गेंदबाजों के मुफीद रही है जो सख्त और उछाल भरी है जिस पर नमी भी है और इससे दिन के दूसरे हिस्से में रिवर्स स्विंग में मदद मिलती है.
अगर ‘लेटरल मूवमेंट’ की बात की जाये तो कैरेबियाई सरजमीं पर टेस्ट पदार्पण कर चुके मुकेश सीधे अंतिम एकादश में शामिल हो सकते हैं. लेकिन बंगाल का यह तेज गेंदबाज सफेद गेंद की श्रृंखला के दौरान सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं दिखा है. वह 40 प्रथम श्रेणी मैचों में 151 विकेट झटक चुके हैं। वह लंबे स्पैल डाल सकते हैं और रणजी ट्राफी क्रिकेट में चाय के बाद वह ‘रिवर्स स्विंग’ भी हासिल करने के लिए मशहूर हैं.
मुकेश के निकटतम प्रतिद्वंद्वी द्रविड़ के पसंदीदा और बेंगलुरु के साथी प्रसिद्ध हैं जिनकी गेंदबाजी सुपरस्पोर्ट पार्क के लिए आदर्श है. वह 2015 में रणजी ट्राफी पदार्पण के बाद से 15 प्रथम श्रेणी मैच भी नहीं खेले हैं और अगर शमी फिट होते तो उन्हें शामिल करने की बात ही नहीं होती.
पर पोटचेफस्ट्रूम में पहले ‘अनौपचारिक टेस्ट’ में दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ भारत ए के लिए पांच विकेट लेकर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। उन्हें पिच पर अधिक उछाल मिलने की उम्मीद है. लेकिन वह रन भी लुटा सकते हैं क्योंकि वह अपनी लाइन पर निरंतर नहीं रहते हैं. अगर वनडे की फॉर्म देखी जाये तो मुकेश इसमें पिछड़ सकते हैं लेकिन अगर लाल गेंद के कौशल को देखा जाये तो वह प्रसिद्ध पर भारी दिखते हैं.
भारत ने 2021 में तीन मैचों की श्रृंखला में अपना एकमात्र टेस्ट सुपरस्पोर्ट पार्क में ही जीता था. केएल राहुल पारी की शुरुआत करते हुए शतक की ओर बढ़ते हुए शानदार दिख रहे थे. लेकिन पिछले दो वर्षों में काफी बदलाव हुआ है, राहुल फॉर्म में नहीं रहे, ऋषभ पंत कार दुर्घटना में घायल हो गये, केएस भरत शीर्ष स्तर के क्रिकेट के लिए तैयार नहीं दिख रहे और विश्व कप की शुरूआत के बाद से बेंच पर बैठने के बाद ईशान किशन ने ‘मानसिक स्वास्थ्य ब्रेक’ मांगा है.
राहुल को श्रृंखला के लिए विकेटकीपर नियुक्त किया गया था और वह पहले ही कह चुके हैं कि वह टीम की जरूरत के मुताबिक कोई भी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. पिछली बार उन्होंने टीम में अपना स्थान गंवा दिया था और वह समझते हैं कि पंत की वापसी करने तक विकेटकीपिंग से उन्हें अतिरिक्त मदद तो मिलेगी ही, खराब बल्लेबाजी फॉर्म की भरपायी में भी मदद मिलेगी. हालांकि पंत की वापसी में अभी काफी समय लगेगा.
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