देश की खबरें | कोयला घोटाला: अदालत ने महाराष्ट्र की कंपनी तथा अन्य के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, चार सितंबर दिल्ली की एक अदालत ने महाराष्ट्र की एक कंपनी और उसके तीन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ 2005 में राज्य में तीन कोयला खदानों के आवंटन की मांग के दौरान कथित तौर पर धोखाधड़ी करने, फर्जीवाड़ा और आपराधिक षडयंत्र रचने को लेकर आरोप तय किये। विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने आरोपी कंपनी टॉपवर्थ ऊर्जा एंड मेटल्स लिमिटेड जिसे पहले श्री वीरांगना स्टील्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता था और इसके पूर्व अधिकारियों - अनिल कुमार सक्सेना, मनोज माहेश्वरी और आनंद नंद किशोर सारदा- के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराधों के लिये मुकदमा चलाने के निर्देश दिए।

यह मामला कंपनी को महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में मार्की मंगली-दो, तीन और चतुर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।

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सरकारी वकील वी के शर्मा ने कहा कि आरोपी व्यक्ति कोयला ब्लॉक आवंटित होने के समय कंपनी के अधिकारी थे।

कंपनी को टॉपवर्थ ग्रुप को बेचने के बाद इसका नाम बदल दिया गया।

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अदालत ने हालांकि कंपनी के तीन वर्तमान अधिकारियों - सुरेंद्र चंपालाल लोढ़ा, अनिल ओम प्रकाश नेवतिया और स्वप्न कुमार मित्रा के खिलाफ मामला चलाने के साक्ष्य नहीं होने के कारण उन्हें आरोप मुक्त कर दिया।

आरोप मुक्त किए गए लोगों के वकील पी के दुबे ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किलों ने कंपनी के नाम और उसके प्रारूप में बदलाव के बारे में सरकार को पूरी जानकारी दी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के बीच कोई साजिश नहीं थी।’’

अदालत ने चार अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के निर्देश दिए।

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