मुंबई, दो दिसंबर महाराष्ट्र के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन वास्तविक खतरा है। उन्होंने कहा कि विकास और पर्यावरण साथ-साथ चल सकते हैं, बशर्ते विकास स्थायी हो।
‘कोलाबा कन्वरसेशन-2021 ’ के तहत मुंबई की जलवायु, संस्कृति, वाणिज्य, संपर्क और भविष्य के विषयों पर विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए ठाकरे ने यह बात कही। इस कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को आब्जर्वर रिसर्च फांउडेशन (ओआरएफ) ने किया था।
महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में दिसंबर में हो रही बेमौसमी बारिश का संदर्भ देते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन वास्तविक है और यह हमारे लिए अहम है कि हम अपने आसपास देखें और समझे कि इस स्थिति में लंबे समय तक नहीं रहा जा सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह ऋतुओं के अनुसार होता है।अधिकतर हमारे कृषि उत्पाद, हमारी अधिकतर जीडीपी मानसून पर निर्भर है। लेकिन जब मानसून का आना अनिश्चित हो जाए तो कोई कैसे इसपर भरोसा कर सकता है? क्योंकि अगर दिसंबर और जनवरी में बरसात हो रही है, तो क्या यह जून में आएगी? क्या खेती और बुआई का सत्र बदल गया है? यह सब जलवायु परिवर्तन की वास्तविकता है।’’
ठाकरे ने कहा कि सरकार मुंबई का विकास वित्तीय रूप से अग्रणी शहर के तौर पर करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो धीरे-धीरे हिंद महासागर और उससे परे भारत के उदय का केंद्र बनने के रास्ते पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘विकास और पर्यावरण साथ-साथ चल सकते हैं, बशर्ते वह स्थायी विकास हो।’’
इलेक्ट्रिक वाहनों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में ठाकरे ने कहा कि वर्ष 2025 तक महाराष्ट्र में 30 प्रतिशत वाहन बिजली पर चलेंगे। ठाकरे ने कहा कि सरकार ने मुंबई के लिए 2100 इलेक्ट्रिक बसों का ठेका दिया है जबकि पुणे, नागपुर, ठाणे, नवी मुंबई और नासिक की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली भी पूरी तरह से बिजली आधारित होगी। महाराष्ट्र में 2025 तक बसों के बेड़ों में 50 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें होंगी जबकि 2027 तक शत प्रतिशत बिजली से चलने वाले बसें होंगी।
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