असम में बाढ़ के बढ़ते खतरे के लिए जलवायु परिवर्तन, खराब नीतियां जिम्मेदार

असम में हर साल इस समय के आसपास जनजीवन पूरी तरह से ठप हो जाता है. लोग लगातार बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित होते हैं.

Assam Flood (Photo Credit : Twitter)

गुवाहाटी, 3 जुलाई : असम में हर साल इस समय के आसपास जनजीवन पूरी तरह से ठप हो जाता है. लोग लगातार बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित होते हैं. इन आपदाओं की तीव्रता लगातार बढ़ रही है, जिससे जानमाल के नुकसान में भी वृद्धि हो रही है.

विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्रह्मपुत्र और बराक नदी घाटी में बाढ़ पहले से ही आती रही है, लेकिन हाल के वर्षों में हुए अभूतपूर्व विनाश के लिए मुख्य रूप से दोषपूर्ण बाढ़ नियंत्रण उपायों, जनसंख्या दबाव, जलाशयों के सिकुड़ने, अनियंत्रित निर्माण और विकास रणनीतियों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. यह भी पढ़ें : एकल-उपयोग प्लास्टिक विकल्प: दिल्ली सरकार कच्चे माल पर जीएसटी दर कम करने का केंद्र से आग्रह करेगी

पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. पार्थ ज्योति दास ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि मई और जून में आई विनाशकारी बाढ़ ने पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस बार बड़े भूभाग को अपनी चपेट में लिया है और मानसून से पहले आई बाढ़ में इतनी बड़ी संख्या में मौतें भी कम ही हुई हैं.

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