बेथलहम/यरूशलम, 25 दिसंबर कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो साल से क्रिसमस का उत्साह फीका रहने के बाद इस बार पर्यटकों का आगमन बढ़ने के साथ प्रभु यीशु के जन्म स्थान बेथलहम में खासा उत्साह देखने को मिला।
क्रिसमस पर आयोजित समारोहों में भारत के विभिन्न हिस्सों से आये करीब पांच समूह भी शामिल हुए।
स्कोपस वर्ल्ड ट्रेवल लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अशोक रवि ने कहा, ‘‘इस साल बेथलम में क्रिसमस समारोहों में शामिल होने के लिए करीब 250 भारतीय पर्यटक आये हैं। यहां रह रहे कई भारतीयों ने भी उनके साथ जश्न मनाया।’’
सीरियन ऑर्थोडॉक्स चर्च, केरल के फादर स्लीबा कट्टुमांगतु के नेतृत्व में 50 तीर्थयात्रियों का एक समूह क्रिसमस मनाने के लिए कोच्चि से बेथलहम आया है।
फादर स्लीबा ने कहा, ‘‘हमने पवित्र भूमि पर, शांति के लिए प्रार्थना की। हमें यह उम्मीद है कि लोग अपने मतभेदों को शांतिपूर्वक तरीके से दूर करेंगे।’’
यरूशलम में सीरियन ऑर्थोडॉक्स ईसाइयों का समुदाय छोटा है, जबकि बेथलम में यह बड़ा है। यरूशलम में होली सेपुलचरे गिरजाघर में भी समुदाय के लिए एक प्रार्थना भवन है।
फलस्तीनी लड़कों और लड़कियों के नेतृत्व में पारंपरिक मार्च के साथ शनिवार को बेथलहम में क्रिसमस समारोहों की शुरूआत हुई।
ढोल और ‘बैगपाइप’ बजाते हुए उन्होंने प्राचीन चर्च ऑफ नेटिविटी के बाहर मंगेर स्कवायर पर परेड की। चर्च ऑफ नेटिविटी प्रभु यीशु का जन्मस्थान है।
बारिश के बावजूद मंगेर स्कवायर समारोहों का केंद्र रहा। विदेशी पर्यटक रोशनी से जगमग करते क्रिसमस ट्री के पास ‘सेल्फी’ लेते देखे गये।
इजराइल के पर्यटन मंत्रालय ने कहा कि विश्व भर से करीब 1,20,000 पर्यटक और तीर्थयात्रियों के समारोहों में शामिल होने की उम्मीद है।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस साल जनवरी से नवंबर तक करीब 12 लाख ईसाई पर्यटक इजराइल आये हैं। मंत्रालय ने समारोहों के लिए यरूशलम से बेथलहम के लिए मुफ्त परिवहन की व्यवस्था की है।
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