जरुरी जानकारी | मुख्यमंत्री का निर्देश, जेवर हवाईअड्डे के डिजाइन में दिखाई दे भारतीय विरासत की झलक

नोएडा, 25 जुलाई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नोएडा हवाईअड्डे के मुख्य टर्मिनल का भवन ‘भारतीय विरासत का प्रतिबिंब’ लगना चाहिए। यह राज्य की एक विशाल परियोजना है। मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की प्रगति की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

आदित्यनाथ ने यह निर्देश हाल में इस नए हवाईअड्डे की समीक्षा बैठक के दौरान दिया। यह हवाईअड्डा गौतम बुद्ध नगर के जेवर में बन रहा है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (आईजीआईए) से इसकी दूरी 80 किलोमीटर है।

इस आधुनिक हवाईअड्डे का निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेडआईए) एजी द्वारा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा हवाईअड्डा होगा। हवाईअड्डे के विकास पर करीब 29,560 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

इससे पहले डेवलपर ने दिसंबर में नॉर्डिंक, ग्रिमशॉ, हैप्टिक तथा स्तूप के गठजोड़ को यात्री टर्मिनल के डिजाइन के लिए वास्तुकार के रूप में चुना था। जून और अगस्त, 2020 के दौरान तीन चरण की प्रतिस्पर्धा के जरिये इनका चयन किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 17 जुलाई को लखनऊ में हवाईअड्डे की प्रगति की समीक्षा के दौरान कहा कि हवाईअड्डे की मुख्य टर्मिनल इमारत के वास्तु में भारतीय विरासत की झलक मिलनी चाहिए।

आदित्यनाथ ने कहा कि अब यह अधिकारियों को देखना है कि ऐसा कैसे होगा। क्योंकि डिजाइन आकर्षक होना चाहिए और साथ ही इसमें भारतीय विरासत की झलक भी दिखनी चाहिए।

इस बैठक में नागर विमानन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस पी गोयल, नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लि. (नायल) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण वीर सिंह तथा जेडआई के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

अजय

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