मुख्यमंत्री ने केंद्र से प्रवासी कामगारों से टिकट का किराया न लेने का अनुरोध किया
ठाकरे ने केंद्र को भेजे गए एक पत्र में रविवार देर रात कहा कि राज्य के विभिन्न केंद्रों में 40 दिनों तक करीब पांच लाख प्रवासी कामगारों को खाना और रहने की जगह दी गई और अब उन्होंने मौजूदा हालात को देखते हुए अपने घर जाने की इच्छा व्यक्त की है।
मुंबई, चार मई महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र से अनुरोध किया है कि वह कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान ट्रेन से अपने गृह स्थान की यात्रा करने वाले प्रवासी कामगारों से किराया न लें।
ठाकरे ने केंद्र को भेजे गए एक पत्र में रविवार देर रात कहा कि राज्य के विभिन्न केंद्रों में 40 दिनों तक करीब पांच लाख प्रवासी कामगारों को खाना और रहने की जगह दी गई और अब उन्होंने मौजूदा हालात को देखते हुए अपने घर जाने की इच्छा व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इन लोगों के पास बीते कुछ हफ्तों से आय का कोई स्रोत नहीं है। इसलिये मानवीय आधार पर केंद्र को उनसे यात्रा का किराया नहीं लेना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि कई गैर सरकारी संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता आदि प्रवासी कामगारों की ट्रेन टिकटों का खर्च उठाने के लिये आगे आ रहे हैं।
ठाकरे ने संबंधित प्रदेश अधिकारियों से भी कहा कि अगर केंद्र मुंबई, ठाणे और पुणे जैसे शहरों से प्रवासी कामगारों को उनके घर भेजने के लिये ट्रेन चलाने का फैसला करता है तो उन्हें बड़े पैमाने पर प्रवासी कामगारों के समूहों को संभालने के लिये तैयार रहना होगा।
महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने पहले ही रेल मंत्रालय से अनुरोध किया था कि वह प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने में आने वाले खर्च को वहन करे।
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