भोपाल, छह जून मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को छिंदवाड़ा जिले में धनकसा और शारदा भूमिगत कोयला खदानों का ऑनलाइन शुभारंभ किया।
इस वीडियो कांफ्रेंसिंग समारोह में केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी भी उपस्थित हुए।
मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में एक हजार से ज्यादा लोगों को खदानों से रोजगार मिलेगा। अगले चार साल में कोल इंडिया 20 खदानें शुरू करेगा, इनमें 6 मध्यप्रदेश में होंगी।
उन्होंने बताया कि धनकासा भूमिगत खदान से 458 करोड़ और शारदा भूमिगत खदान से 57 करोड़ के पूंजी निवेश की योजना है। दोनों खदानें 1.4 लाख टन सालाना कोयला उत्पादन करेंगी।
चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश खनिज प्रधान राज्य है जहाँ हीरा, कोयला, मिथेन गैस, कॉपर, चूना पत्थर के भंडार है। जहाँ हीरा उत्पादन में मध्यप्रदेश सबसे प्रमुख राज्य है, वहीं मैग्जीन और कॉपर उत्पादन में दूसरे और कोयला उत्पादन में देश में चौथे स्थान पर है। राज्य के मुख्य खनिजों के उत्पादन बढ़ाने के भरसक उपाय किये जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार के एक विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रदेश में सालाना 23.90 करोड टन कोयले का उत्पादन होता है। जिससे प्रदेश को 2,000 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त होता है। प्रदेश के 6 जिलों छिंदवाड़ा, बैतूल, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया और सिंगरौली में कोल इंडिया लिमिटेड कोयला खनन का कार्य करता है। प्रदेश में वेस्टर्न कोलफील्ड की 56 खदानों में से 23 भूमिगत और 23 खुली खदानें हैं। इनमें कुल 16 खदानें मध्यप्रदेश में संचालित हैं जो मुख्यत: छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में हैं।
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