Morbi Bridge Accident: पूर्व वित्त पी. चिदंबरम ने BJP पर साधा निशाना, कहा- मोरबी ब्रिज हादसे के लिए किसी ने न माफी मांगी, न इस्तीफा दिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि मोरबी पुल हादसे में अब तक किसी ने न माफी मांगी और न इस्तीफा दिया, जिसमें 135 लोगों की जान चली गई थी.
अहमदाबाद, 8 नवंबर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि मोरबी पुल हादसे में अब तक किसी ने न माफी मांगी और न इस्तीफा दिया, जिसमें 135 लोगों की जान चली गई थी. राज्य में कांग्रेस के लिए प्रचार करने आए चिदंबरम ने आरोप लगाया कि गुजरात की सरकार ‘‘दिल्ली से चलाई’’ जाती है, उसके मुख्यमंत्री द्वारा नहीं. गुजरात में एक और पांच दिसंबर को दो चरण में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. मतगणना आठ दिसंबर को की जाएगी.
गौरतलब है कि मोरबी में ब्रिटिश काल का केबल पुल 30 अक्टूबर को टूट कर गिर गया था. इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी. एक निजी कंपनी द्वारा मरम्मत किए जाने के बाद पुल को 26 अक्टूबर को लोगों के लिए फिर से खोला गया था.
चिदंबरम ने कहा, ‘‘ जहां तक मुझे पता है इतने बड़े हादसे के लिए न किसी ने माफी मांगी है और न किसी ने इस्तीफा दिया. अगर ऐसा विदेश में कहीं हुआ होता तो तुरंत इस्तीफे लिए गए होते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ माफी इसलिए नहीं मांगी गई क्योंकि सरकार को लगता है कि वह आगमी चुनाव आसानी से जीत सकती है और उन्हें हादसे के लिए जवाबदेह होने की जरूरत नहीं है.’’ यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी परिसर में पूजा, मुसलमानों के प्रवेश निषेध संबंधी याचिका की पोषणीयता पर फैसला 14 नवंबर को
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘ उन राज्यों में जहां लोग सरकार को हराते हैं, वे जवाबदेह महसूस करते हैं. मैं गुजरात के लोगों से इस सरकार को बदलने और कांग्रेस को मौका देने की अपील करता हूं.’’ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने के सवाल पर चिदंबरम ने आरोप लगाया, ‘‘ वे भाजपा के नौकर हैं. ऐसी एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में से 95 प्रतिशत विपक्षी दलों के राजनेता हैं.’’ भाजपा नीत राज्य सरकारों द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए समिति बनाने की घोषणा करने के सवाल पर चिदंबरम ने कहा, ‘‘ एक बच्चा भी जानता है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) राज्यों द्वारा नहीं, बल्कि संसद में पारित कानून द्वारा ही लागू की जा सकती है .’’