देश की खबरें | शराब परोसने वाले स्थलों का परिचालन समय बढ़ाने की व्यवहार्यता जांचें : अदालत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस और आबकारी आयुक्तों को सार्वजनिक मनोरंजन स्थलों का परिचालन समय बढ़ाकर तड़के तीन बजे तक किए जाने की व्यवहार्यता जांचने के लिए एक सलाहकार समूह गठित करने का निर्देश दिया है। इन स्थलों में शराब परोसने वाले स्थान भी शामिल हैं।

नयी दिल्ली, सात जून दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस और आबकारी आयुक्तों को सार्वजनिक मनोरंजन स्थलों का परिचालन समय बढ़ाकर तड़के तीन बजे तक किए जाने की व्यवहार्यता जांचने के लिए एक सलाहकार समूह गठित करने का निर्देश दिया है। इन स्थलों में शराब परोसने वाले स्थान भी शामिल हैं।

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया। याचिका में दिल्ली पुलिस को आबकारी नीति के संदर्भ में रेस्तरां और बार के संचालन में तड़के तीन बजे तक हस्तक्षेप करने से रोकने का अनुरोध किया गया है।

अदालत ने कहा कि उसका इरादा आबकारी विभाग के नीति निर्माण में दखल देने का नहीं है, लेकिन होटल-रेस्तरां और सार्वजनिक मनोरंजन स्थानों के संचालन के समय को विनियमित करने के लिए नीति और पुलिस के अधिकार के बीच ‘तालमेल’ होना जरूरी है।

तीन जून को पारित आदेश में अदालत ने कहा, “बार या फिर कोई अन्य स्थान, जहां शराब या मादक पदार्थ परोसे जाते हैं और लोग वहां बैठ सकते हैं, वे उपरोक्त के दायरे में आते हैं। चूंकि, इन जगहों के संचालन का निश्चित तौर पर जनता की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर असर पड़ेगा, इसलिए यह न केवल उचित होगा, बल्कि कानून खुद प्राधिकारियों के बीच एक संयुक्त और गहन विचार-विमर्श को अनिवार्य मानेगा...।”

उच्च न्यायालय ने कहा, “इस पृष्ठभूमि के मद्देनजर आबकारी आयुक्त के साथ-साथ पुलिस आयुक्त को एक सलाहकार समूह गठित करने का निर्देश देना उचित होगा, जो सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों के परिचालन समय को तड़के तीन तक बढ़ाने की व्यवहार्यता की जांच कर सकता है।”

अदालत ने उपरोक्त प्रक्रिया को दो हफ्ते के भीतर पूरी करने और इस संबंध में एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

याचिका के जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि कोई भी ऐसा स्थान, जहां शराब या मादक पदार्थ परोसे जाते हैं और जो ‘सार्वजनिक मनोरंजन के स्थान’ के दायरे में आता है और जिसमें ‘खाने की जगह’ शामिल है, उसे रात एक बजे तक ही खुले रहने की अनुमति है।

पुलिस ने तर्क दिया था कि ऐसी जगहों के परिचालन समय को बढ़ाकर तड़के तीन बजे तक किया जाना नासमझी होगा, क्योंकि बार आदि के खुलने से जुड़े मुद्दे का कानून व्यवस्था के साथ सीधा संबंध है।

वहीं, दिल्ली सरकार ने दलील दी कि आबकारी नियम आबकारी आयुक्त को शराब की बिक्री का समय निर्धारित करने का अधिकार देते हैं।

न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि वर्तमान आबकारी नीति में समय का निर्धारण करने से पहले दिल्ली पुलिस से परामर्श नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा कि यह आबकारी अधिकारियों के साथ-साथ दिल्ली सरकार के लिए भी उचित होता कि वे बार आदि को तड़के तीन बजे तक संचालित करने की अनुमति देने से पहले दिल्ली पुलिस की राय लेते।

वहीं, याचिकाकर्ता संघ ने तर्क दिया कि आबकारी अधिकारियों द्वारा स्वीकृत संचालन अवधि में कोई भी हस्तक्षेप दिल्ली की आबकारी नीति और व्यापार की स्वतंत्रता से संबंधित उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\