नयी दिल्ली, छह अप्रैल कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ के संदर्भ में सरकार को स्थायी समिति के बुनियादी कामकाज को कमजोर करने दिया।
उन्होंने धनखड़ को पत्र लिखकर इस विधेयक को संबंधित स्थायी समिति के पास नहीं भेजे जाने पर एक बार फिर से अपना विरोध दर्ज कराया है।
रमेश ने यह दावा भी किया कि ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी संसद की स्थायी समिति के पास नहीं भेजने का फैसला सरकार के शीर्ष स्तर पर हुआ क्योंकि वह इस समिति के अध्यक्ष हैं।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने पिछले सप्ताह ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया था।
इसके बाद गत 29 मार्च को रमेश ने धनखड़ को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वह इसमें हस्तक्षेप करें ताकि इस विधेयक को संबंधित स्थायी समिति को भेजा जाए तथा इस विधेयक को पूरी तरह कमजोर होने से रोका जा सके।
रमेश ने कहा कि उनके 29 मार्च के पत्र के जवाब में कहा गया है कि वह अपनी आपत्ति को संयुक्त समिति के समक्ष रखें।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जो खेल खेला गया है उससे सिर्फ एक ही निष्कर्ष निकाला जा सकता है। वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी संसद की स्थायी समिति के पास नहीं भेजने का फैसला सरकार के शीर्ष स्तर पर हुआ क्योंकि मैं इस समिति का अध्यक्ष हूं। "
कांग्रेस नेता ने यह आरोप भी लगाया कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सभापति ने सरकार को इसकी अनुमति दे दी कि वह स्थायी समिति के बुनियादी कामकाज को कमजोर करे।
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