श्रीनगर, एक नवंबर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जम्मू कश्मीर के लोगों को ‘‘विभाजित करने तथा उन्हें और भी शक्तियों से वंचित करने के इरादे से उनके बीच एक नयी दरार पैदा करने’’ की केंद्र की कथित नवीकृत कोशिशों को लेकर सोमवार को गंभीर चिंता प्रकट की।
पीडीपी प्रवक्ता ने बताया कि उपकी (पार्टी की) राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की यहां पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में बैठक हुई।
पीएसी, पार्टी में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।
पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में यह चर्चा हुई कि शासन में अपनी नाकामियों को ढंकने के लिए खुल कर संप्रदायिकता का सहारा लेना और धर्म, जाति और पंथ के आधार पर लोगों को एक दूसरे से लड़वाना ही भारतीय जनता पार्टी का एकमात्र हथकंडा है तथा इस तरह विभाजनकारी नीतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बैठक में लोगों से इस झांसे में नहीं आने के प्रति आगाह किया गया और कहा गया, ‘‘यह लोगों को और अधिक विभाजित करने के लिए किया जा रहा है ताकि जम्मू कश्मीर के लोगों को शक्तियों से पूरी तरह से वंचित करने का एजेंडा पूरा हो सके।’’
पीडीपी ने कहा कि लोगों को ऐसी योजनाओं को नाकाम करने के लिए एकजुट होना होगा।
पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि बैठक में यह चर्चा हुई कि जम्मू कश्मीर के सभी क्षेत्रों के संवैधानिक व लोकतांत्रिक अधिकार छीने जाने के अलावा कारोबार, रोजगार, प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार आदि पर भाजपा-आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के विनाशकारी प्रभाव भी धीरे-धीरे दिखने लगे हैं।
पीएसी ने जम्मू कश्मीर के अंदर और बाहर हाल में कश्मीरी छात्रों की गिरफ्तारियों और उन पर की गई कार्रवाई को लेकर रोष प्रकट करते हुए कहा कि पार्टी इस तरह की कार्रवाई के पीड़ितों को कानूनी सहित हर संभव मदद मुहैया करेगी।
बैठक में सभी राजनीतिक कैदियों की फौरन रिहाई की मांग भी दोहराई गई।
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