केन्द्र सरकार को यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने तीन कृषि कानून वापस लिये जाने के केन्द्र के फैसले पर शुक्रवार को किसानों को बधाई दी और कहा कि सरकार को यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था. बसपा प्रमुख ने किसान आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की .

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

लखनऊ, 19 नवंबर : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने तीन कृषि कानून वापस लिये जाने के केन्द्र के फैसले पर शुक्रवार को किसानों को बधाई दी और कहा कि सरकार को यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था. बसपा प्रमुख ने किसान आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की . मायावती ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ किसानों का बलिदान रंग लाया, सरकार ने अंत में तीन विवादास्पद कानूनों को वापस ले लिया, हालांकि इसकी घोषणा बहुत देर से की गई. तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला केंद्र सरकार को बहुत पहले ले लेना चाहिए था. देश के समस्त किसानों को हार्दिक बधाई .’’

उन्होंने कहा, ''यदि यह फैसला केंद्र सरकार पहले ले लेती तो देश अनेक प्रकार के झगड़ों व झंझटों से बच जाता, लेकिन अभी भी किसानों की उनकी उपज के मूल्य से संबंधित कानून बनाने की मांग अधूरी है, बहुजन समाज पार्टी की मांग है कि केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस संबंध में कानून बनाकर किसानों की इस मांग को पूरा करे.'' उन्होंने कहा, '' बसपा की यह शुरू से ही मांग रही है कि खेती, किसानी के और किसानों के मामले में कोई भी नया कानून बनाने से पहले किसानों से परामर्श जरूर लिया जाना चाहिए, ताकि किसी भी गैर जरूरी विवाद से देश को व राज्यों को बचाया जा सके.’’ यह भी पढ़ें : पंजाब में फिर होगा अकाली दल और BJP का गठबंधन? कैप्टन अमरिंदर भी साथ निभाने को तैयार

मायावती ने कहा, ''एक बार फिर देश के किसानों को उनके संघर्ष के जरिए मिली इस जीत के लिये मैं उन्हें तहेदिल से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें देती हूं . मैं केंद्र सरकार से यह भी कहना चाहूंगी कि किसानों के इस आंदोलन के दौरान जो किसान शहीद हुए, उनके परिवारों को केंद्र सरकार उचित आर्थिक मदद दे और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे.’’

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले करीब एक वर्ष से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की शुक्रवार को घोषणा की.

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