कोरोना संकट के लिये केन्द्र सरकार जिम्मेदार, देर से हरकत में आयी सरकार : कमलनाथ

कमलनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाददाता सम्मेलन में देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजे गंभीर संकट के लिये पूरी तरह से केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने भाजपा पर यह आरोप भी लगाया कि मार्च में जब कोरोना संकट उभरा, उस समय केन्द्र सरकार ने संसद की कार्यवाही महज इसलिये स्थगित नहीं होने दी, जिससे मध्य प्रदेश की विधानसभा चलती रहे और उनकी अगुवाई वाली कांग्रेस की राज्य सरकार को गिराया जा सके।

जमात

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को कोरोना संकट पर भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार को निशाने पर लेते हुये इस समस्या के लिये मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने में व्यस्त रहने के कारण सरकार कोरोना संकट से निपटने के लिये देर से हरकत में आयी।

कमलनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाददाता सम्मेलन में देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजे गंभीर संकट के लिये पूरी तरह से केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने भाजपा पर यह आरोप भी लगाया कि मार्च में जब कोरोना संकट उभरा, उस समय केन्द्र सरकार ने संसद की कार्यवाही महज इसलिये स्थगित नहीं होने दी, जिससे मध्य प्रदेश की विधानसभा चलती रहे और उनकी अगुवाई वाली कांग्रेस की राज्य सरकार को गिराया जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है कि संसद इसीलिये चल रही थी, ताकि मध्य प्रदेश विधानसभा चलती रहे और कांग्रेस की सरकार गिरायी जा सके।’’ कमलनाथ ने कहा कि भाजपा का मूल मकसद उनकी सरकार को गिराना था, क्योंकि भाजपा के शिवराज सिंह चौहान के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के अगले दिन ही देशव्यापी लॉकडाउन घोषित कर दिया गया।

कमलनाथ ने पूछा, ‘‘मोदी सरकार ने लॉकडाउन घोषित करने के लिये 24 मार्च तक किस बात का इंतजार किया। दरअसल मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर फरवरी से ही मोदी सरकार की नजर टिकी थी और मध्य प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री की 23 मार्च को शपथ होने के अगले दिन 24 मार्च को देश भर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया।’’

उन्होंने कोरोना संकट के लिये मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराने के लिये घटनाओं का सिलसिलेवार विवरण देते हुये कहा कि फरवरी में देश में कोरोना संक्रमण के सिर्फ तीन मामले थे। लॉकडाउन घोषित करने में सरकार की देरी के कारण ही 24 मार्च को मरीजों की संख्या में 175 गुणा और उसके बाद 536 गुणा इजाफा हो गया। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये ओडिशा और छत्तीसगढ़ की विधानसभायें स्थगित कर दी गयीं लेकिन जब मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की बैठक को 26 मार्च तक स्थगित किया तो भाजपा ने उनका मजाक उड़ाया था।

मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर रविवार को प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने भाजपा पर मध्य प्रदेश की जनता को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाते हुये कहा कि राज्य में कोरोना संकट के चलते अभी तक ना तो मंत्रिमंडल का गठन हुआ है, ना ही स्वास्थ्य मंत्री या गृह मंत्री का प्रभार किसी को दिया गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं और इस तरह का उदाहरण देखने को नहीं मिलेगा।

कमलनाथ ने कहा कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हालात बहुत नाजुक हैं और अगर संक्रमण के परीक्षण का दायरा बढ़ा दिया जाये तो मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति है। इसके मद्देनजर केन्द्र सरकार को आर्थिक पैकेज देने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि पैकेज को लागू कैसे किया जा रहा है और इसमें किन क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया गया है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\