देश की खबरें | सीबीआई ने ओडिशा की कंपनी के डीजीएम, तीन अन्य को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया

नयी दिल्ली, पांच अगस्त केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पारादीप पोर्ट ट्रस्ट के एक मुख्य यांत्रिक अभियंता से जुड़े 25 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में उड़ीसा स्टीवडोर्स लिमिटेड के एक उप महाप्रबंधक (डीजीएम) समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि पारादीप पोर्ट ट्रस्ट के मुख्य यांत्रिक अभियंता सरोज कुमार दास ने अपने सहयोगी सुमंत राउत के जरिये कंपनी से घूस के तौर पर 60 लाख रुपये की मांग की थी। कंपनी के सामान को बंदरगाह पर उतारने के दौरान एक ‘कन्वेयर बेल्ट’ (बंदरगाह पर सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में इस्तेमाल होने वाली बेल्ट) क्षतिग्रस्त हो गई थी। उन्होंने कहा कि दास ने बिना इसकी मरम्मत का भुगतान किए कंपनी को छोड़ने के बदले रिश्वत मांगी थी।

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई के दल ने राउत, दास, एक अन्य व्यक्ति शंख शुभ्र मित्रा और उड़ीसा स्टीवडोर्स लिमिटेड (ओएसएल) के डीजीएम सूर्य नारायण साहू को इस संबंध में गिरफ्तार किया है।

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने प्राथमिकी में केसीटी समूह के देबप्रिय मोहंती, ओएसएल के निदेशक चर्चित मिश्रा और निजी कंपनी उड़ीसा स्टीवडोर्स लिमिटेड को भी नामित किया है।

उन्होंने कहा कि 15 जगहों पर की गई छापेमारी के दौरान सीबीआई ने 84.5 करोड़ रुपये भी जब्त किए।

सीबीआई ने यहां एक बयान में कहा, “यह आरोप लगाया गया था कि पारादीप पोर्ट ट्रस्ट (ओडिशा) के मुख्य यांत्रिक अभियंता (सीएमई) को पारादीप बंदरगाह पर सेवा और अन्य गतिविधियों में लगे विभिन्न निजी हितधारकों को अनुचित लाभ देने के लिए अपने करीबी सहयोगी (राउत) के माध्यम से रिश्वत मांगने और लेने की आदत थी।”

सीबीआई का आरोप है कि ओएसएल के कार्गो को उतारने के दौरान क्षतिग्रस्त हुई कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत की लागत बेहद ज्यादा थी और दास ने अपने सहयोगी राउत, बिचौलिए मित्रा और निदेशक साहू के साथ साजिश कर पोर्ट ट्रस्ट पर इसकी मरम्मत का खर्च डाल दिया, जिससे निजी कंपनी को काफी आर्थिक फायदा पहुंचा।

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