नयी दिल्ली, 9 नवंबर : कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि देश भर में जाति जनगणना कराना और अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय की 50 प्रतिशत की ‘‘मनमानी सीमा’’ हटाना देश के लिए उसके दृष्टिकोण का केंद्र है. कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि तेलंगाना में पार्टी की सरकार शनिवार को अपना जाति सर्वेक्षण शुरू करेगी.
उन्होंने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में 80,000 गणनाकर्ता घर-घर जाएंगे और 33 ज़िलों के 1.17 करोड़ से अधिक घरों को कवर करेंगे. रमेश ने कहा कि वर्ष 1931 के बाद से यह पहला मौका है जब तेलंगाना में सरकार जाति-आधारित सर्वेक्षण करवा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी क्षण है - जो राज्य के लिए तेलंगाना आंदोलन की आकांक्षाओं की पूर्ति और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान के आदर्शों को स्थापित करने वाला है.’’ उन्होंने कहा कि जैसा कि राहुल गांधी ने इस सप्ताह की शुरुआत में हैदराबाद में कहा था, यह राष्ट्रीय जाति जनगणना का एक खाका भी है जिसे ‘इंडिया’ की सरकार कराएगी. यह भी पढ़ें : Hemant Sorenon BJP: भाजपा ने गरीब राज्यों की कमर तोड़ दी है, झारखंड को नींबू की तरह निचोड़ दिया; हेमंत सोरेन
रमेश ने कहा, ‘‘जाति जनगणना, और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय की 50 प्रतिशत की सीमा को हटाना देश के लिए कांग्रेस के विजन का केंद्र है.’’ उन्होंने कहा,‘‘ हम भारत में सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जैसा कि हमारे संविधान में लिखा है और जैसा कि भारत के निर्माताओं ने कल्पना की थी.’’ तेलंगाना कांग्रेस की ओर से पांच नवंबर को जाति सर्वेक्षण पर आयोजित बैठक में शामिल हुए गांधी ने कहा था कि वह तेलंगाना में जाति सर्वेक्षण सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.