जाति और धर्म को आतंकवाद से नहीं जोड़ा जाना चाहिए: इंद्रेश कुमार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने दावा किया कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें कथित भगवा आतंकवाद के मामलों में फंसाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन वह असफल रही.

आरएसएस (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने दावा किया कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें कथित भगवा आतंकवाद के मामलों में फंसाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन वह असफल रही. आरएसएस से जुडे मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, विश्वग्राम और ‘वैश्विक आतंकवाद बनाम मानवता, शांति और संभावनाओं’ पर विचार-विमर्श के लिए बने राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूकता मंच द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने यह बात कही. दिनभर चले सम्मेलन के समापन पर एक प्रस्ताव पारित कर मांग की गई कि सरकार आतंकवाद से जाति या धर्म को जोड़ने पर रोक लगाए और इसे कानून के तहत एक दंडात्मक अपराध घोषित करे.

कुमार ने प्रस्ताव पारित करते समय कहा, ‘‘जाति और धर्म को आतंकवाद से नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर इसका इस्तेमाल उन लोगों द्वारा किया जाता है जो आतंकवाद का प्रसार करते हैं. इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और कानून के तहत दंडात्मक अपराध बनाना चाहिए. जाति और धर्म के नाम पर किसी के भी उत्पीड़न को रोका जाना चाहिए, निंदा की जानी चाहिए और कानून के तहत दंडित किया जाना चाहिए.’’ उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठें और ‘‘इस अपराध को ना कहें.’’

कुमार ने दावा किया, ‘‘भारत सरकार (पूर्ववर्ती संप्रग सरकार) ने मेरे खिलाफ ‘भगवा’ आतंकवाद मामले के लिए 300 से 400 करोड़ रुपये खर्च किए. यहां तक कि पूरी सरकारी मशीनरी लगाने के बावजूद वे मेरा नाम आरोपियों में नहीं ला सके...उसके बाद बेचारी सरकार (वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में) सत्ता से बाहर हो गई.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा नाम न तो गवाहों की सूची में था और न ही आरोपियों की सूची में. लेकिन पूरी दुनिया को बताया गया कि इंद्रेश जी लिप्त हैं और उनके खिलाफ मामला है. मैंने ऐसे बड़े झूठ देखे हैं.’’

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