देश की खबरें | महिला पुलिसकर्मी से मारपीट का मामला: न्यायालय ने ओडिशा के विधायक को गिरफ्तारी से राहत दी

नयी दिल्ली, एक फरवरी उच्चतम न्यायालय ने एक महिला पुलिस अधिकारी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए उससे मारपीट करने के मामले में ओडिशा के नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जयनारायण मिश्रा को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी है।

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने ओडिशा सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाता है और चार सप्ताह में जवाब की अपेक्षा की जाती है। इस दौरान याचिकाकर्ता को उपरोक्त मामले के संबंध में गिरफ्तारी से राहत दी जाती है।’’

मिश्रा की ओर से पेश वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता एक विधायक हैं और ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। उन्होंने पिछले लगभग एक साल के दौरान अपने सामान्य कर्तव्यों का पालन किया है और पिछले साल 15 फरवरी की घटना के सिलसिले में पुलिस को कभी भी उन्हें समन करने का कोई मौका नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि उड़ीसा उच्च न्यायालय को याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रकृति और उपलब्ध वीडियोग्राफी साक्ष्य पर गौर करते हुए उनकी अग्रिम जमानत पर विचार करना चाहिए था क्योंकि हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं थी।

शीर्ष अदालत उड़ीसा उच्च न्यायालय के 23 नवंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ मिश्रा द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मामले में अग्रिम जमानत के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

संबलपुर के विधायक ने आरोप को खारिज करते हुए दावा किया था कि धनुपाली की थाना प्रभारी निरीक्षक अनीता प्रधान ने उन्हें धक्का दिया था।

दोनों ने इस घटना के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। घटना ‘‘बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति’’ पर भाजपा के राज्यव्यापी प्रदर्शन के तहत संबलपुर में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर हुई थी।

प्रधान के अनुसार, जब भाजपा कार्यकर्ता परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे तो महिला पुलिसकर्मी का सामना मिश्रा से हुआ। मिश्रा ने तब महिला पुलिसकर्मी से पूछा कि वह कौन हैं।

महिला पुलिसकर्मी ने कहा, ‘‘जब मैंने अपनी पहचान बताई तो उन्होंने मुझ पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया और मुझे डकैत कहा। जब मैंने पूछा कि वह ऐसे आरोप क्यों लगा रहे हैं तो उन्होंने मुझे धक्का दे दिया।’’

मिश्रा ने हालांकि इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि पुलिस द्वारा महिला कार्यकर्ताओं को ‘‘प्रताड़ित’’ किए जाने की बात सुनकर वह आगे आए थे।

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