विदेश की खबरें | अमेरिका में फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए भारतीय मूल के न्यायाधीश के खिलाफ मामला दर्ज
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अमेरिका में अपने चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के उद्देश्य से खुद के बारे में गलत जानकारी देने के लिए फोर्ट बेंड काउंटी के न्यायाधीश के.पी. जॉर्ज को बृहस्पतिवार शाम को जेल भेज दिया गया।
ह्यूस्टन, 27 सितंबर अमेरिका में अपने चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के उद्देश्य से खुद के बारे में गलत जानकारी देने के लिए फोर्ट बेंड काउंटी के न्यायाधीश के.पी. जॉर्ज को बृहस्पतिवार शाम को जेल भेज दिया गया।
फोर्ट बेंड काउंटी के न्यायिक रिकॉर्ड के अनुसार, न्यायाधीश के तौर पर अपने चुनाव के दौरान मतदाताओं को रिझाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर फैलाई गई गलत जानकारी से जुड़े कदाचार के लिए शाम 7:17 बजे जॉर्ज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
जॉर्ज के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि उन्हें निजी मुचलके(पीआर) पर जेल से रिहा किया गया, जिसका अर्थ है कि उन्हें निर्धारित समय पर अदालत में उपस्थित होने तथा रिहाई की सभी शर्तों का पालन करने के लिए लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद रिहा कर दिया गया।
साल 2022 में अपने चुनाव अभियान के दौरान, जॉर्ज ने दावा किया था कि वह "नस्लवादी और जेनोफोबिक" हमलों के शिकार हुए थे। हालांकि आरोप हैं कि उन्होंने सहानुभूति और समर्थन हासिल करने के लिए ऐसा किया था।
जार्ज के भारत से लौटने के बाद उनके घर पर वारंट भेजा गया था।
उसने अपने पूर्व चीफ आफ स्टाफ तराल पटेल के साथ मिलकर यह धोखाधड़ी की। पटेल ने सहानुभूति हासिल करे के लिए कथित रूप से खुद पर और जार्ज पर हमला करने के लिए फर्जी प्रोफाइल बनाए।
पटेल को जून में गिरफ्तार किया गया था।
2022 में अपने सफल चुनाव अभियान के दौरान, जॉर्ज ने दावा किया था कि वह "नस्लवादी और ज़ेनोफोबिक" हमलों का शिकार हुए थे।
डेमोक्रेट जॉर्ज ने रिपब्लिकन नेहल्स के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
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