नयी दिल्ली, 26 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि त्योहारों के इस मौसम में चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ और इस दौरान लोगों में भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह देखा गया. आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मोदी ने मुंबई हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश वीर शहीदों को याद कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘26 नवंबर के दिन को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं. आज के ही दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था. आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को थर्राकर रख दिया था. लेकिन यह भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं.’’
मोदी ने ‘मन की बात’ की 107 वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए देशवासियों से ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को सिर्फ त्योहारों तक ही सीमित न रखने की अपील की और उनसे आग्रह किया कि उन्हें शादी के मौसम में भी स्थानीय उत्पादों को महत्व देना चाहिए. ‘मन की बात’ की पिछली कड़ी में लोगों से स्थानीय उत्पादों की खरीदारी पर बल देने के अपने आग्रह का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘बीते कुछ दिनों के भीतर ही दिवाली, भैया दूज और छठ पर देश में चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ और इस दौरान भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह लोगों में देखा गया.’’ उन्होंने कहा कि अब तो घर के बच्चे भी दुकान पर कुछ खरीदते समय देखने लगे हैं कि उस पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा है कि नहीं. मोदी ने कहा, ‘‘इतना ही नहीं ऑनलाइन सामान खरीदते समय भी अब लोग यह देखना नहीं भूलते हैं कि उत्पाद किस देश में बना है.’’ यह भी पढ़ें : Bihar: विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश-लालू को घेरा, पूछा- आज अंतिम पंक्ति में बैठने वाले व्यक्ति को अंतिम पंक्ति में बैठाने वाला कौन है?
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे स्वच्छ भारत अभियान की सफलता ही उसकी प्रेरणा बन रही है वैसे ही ‘वोकल फॉर लोकल’ की सफलता विकसित भारत और समृद्ध भारत के द्वार खोल रही है.’’प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ का अभियान पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है. उन्होंने कहा, ‘‘यह रोजगार की गारंटी है. यह विकास की गारंटी है, यह देश के संतुलित विकास की गारंटी है. इससे शहरी और ग्रामीण दोनों को समान अवसर मिलते हैं. इससे स्थानीय उत्पादों में गुणात्मक वृद्धि होती है और कभी वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव आता है तो ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र हमारी अर्थव्यवस्था को संरक्षित भी करता है.’’