बस मालिक एसोसिएशन ने 2019 की चुनाव ड्यूटी में बसों के उपयोग को लेकर बकाये भुगतान की मांग की

ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनाव के करीब सालभर बाद भी राज्य के बस मालिकों को वाहनों के किराये का भुगतान नहीं किया गया है।

कोलकाता, 11 अप्रैल निजी बस मालिकों के एसोसिएशन ने शनिवार को मांग की कि अधिकारी 2019 के आम चुनाव में उपयोग में लायी गयी बसों के लिए बकाया राशि का भुगतान करें ताकि यह रकम लॉकडाउन के चलते वित्तीय संकट में उनके लिए राहतभरा साबित हो।

ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनाव के करीब सालभर बाद भी राज्य के बस मालिकों को वाहनों के किराये का भुगतान नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि तीन सप्ताह से बसों के यूं ही खड़े रहने से मालिक अपना खर्चा नहीं चला पा रहे हैं, ऐसे में ‘यह भुगतान उन्हें इस मुश्किल वक्त में मदद करेगा।’

उन्होंने कहा कि रोजाना हर बस के लिए 1800 से 2000 रूपये की निर्धारित दर थी।

बनर्जी ने कहा, ‘‘ अधिकारियों ने चुनाव संबंधी एवं कानून व्यवस्था संबंधी ड्यूटी के लिए औसतन 8-10 दिनों के लिए हजारों बसें सेवा में ली थीं।’’

उन्होंने कहा , ‘‘ कुछ बस मालिकों को प्रतीक के तौर पर महज कुछ अग्रिम राशि का भुगतान किया गया लेकिन इसके अलावा किराया नहीं दिया गया। ’’

चुनाव के दौरान चुनाव सामग्री की ढुलाई और सुरक्षाकर्मियों को ले जाने के लिए निजी एवं सरकारी बसें सेवा में लायी गयी थीं।

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