जरुरी जानकारी | बीएसएनएल 4जी, 5जी सेवाओं के बिना निजी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ: श्रमिक संगठन

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल 4जी और 5जी सेवाओं के अभाव में निजी दूरसंचार परिचालकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ है और इसके कारण इन मोबाइल सेवा प्रदाताओं पर दरें बढ़ाने पर कोई रोक-टोक नहीं है। बीएसएनएल के श्रमिक संगठन ने यह कहा।

नयी दिल्ली, तीन जुलाई सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल 4जी और 5जी सेवाओं के अभाव में निजी दूरसंचार परिचालकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ है और इसके कारण इन मोबाइल सेवा प्रदाताओं पर दरें बढ़ाने पर कोई रोक-टोक नहीं है। बीएसएनएल के श्रमिक संगठन ने यह कहा।

श्रमिक संगठन ने मंगलवार को केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लिखे पत्र में कहा कि निजी दूरसंचार कंपनियों- रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया द्वारा हाल ही में की गई दर में वृद्धि अनुचित है क्योंकि वे लाभ कमाने वाली कंपनियां हैं।

पत्र में कहा गया, “पहले बीएसएनएल से प्रतिस्पर्धा के कारण निजी दूरसंचार सेवा प्रदाता मनमाने ढंग से दरें बढ़ाने से बचते थे। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। बीएसएनएल आज तक अपनी 4जी और 5जी सेवाएं शुरू नहीं कर पाया है, जिससे वह निजी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ है और इस तरह मनताने तरीके से दरें बढ़ाने को रोक नहीं पा रहा है।”

हाल ही में, तीनों निजी कंपनियों...रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लि. ने मोबाइल सेवा दरों में 10-27 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की।

श्रमिक संगठन ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों का यह दावा भ्रामक है कि प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) बढ़ाने के लिए दर में बढ़ोतरी की गई है।

उसने कहा, “निजी कंपनियों के लिए दर में भारी बढ़ोतरी करने का कोई कारण नहीं है। रिलायंस जियो ने 2023-24 में 20,607 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है और एयरटेल ने इसी अवधि के दौरान 7,467 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। इसलिए, दर में इतनी भारी बढ़ोतरी पूरी तरह से अनुचित है।”

श्रमिक संगठन ने कहा कि सरकार द्वारा बीएसएनएल को अपने मौजूदा 3जी बीटीएस को 4जी बीटीएस में उन्नत करने की अनुमति नहीं देने तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को वैश्विक विक्रेताओं से 4जी उपकरण खरीदने से रोकने के निर्णय से कंपनी को नुकसान पहुंचा है।

अनुराग रमण

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