ब्रिटिश अधिकारी अन्य बीमारियों को लेकर चिंतित

‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड’ ने कहा कि अप्रैल में अस्पताल के आपातकालीन विभाग में जाने वालों की संख्या पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 50 फीसद कम हो गई है।

यह बयान ऐसे समय आया है जब यह आशंकाएं सामने आ रही हैं कि पूरा ध्यान कोरोना वायरस महामारी की तरफ होने की वजह से कैंसर और अन्य बीमारियों का इलाज नहीं हो रहा।

‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड’ ने कहा कि अप्रैल में अस्पताल के आपातकालीन विभाग में जाने वालों की संख्या पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 50 फीसद कम हो गई है।

परमार्थ कार्य करने वाले ‘कैंसर रिसर्च यूके’ का आकलन है कि हर हफ्ते बीमारी के 2,250 मामलों का पता ही नहीं चल पा रहा और इसकी एक वजह यह भी है कि लोगों को यह डर है कि अस्पताल जाने पर उन्हें वायरस का संक्रमण हो सकता है या फिर उन्हें अस्पतालों में पहले से ही मरीजों की अत्याधिक भीड़ की चिंता है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) एक जन सूचना अभियान शुरू कर रहा है जिसमें लोगों से अनुरोध किया जाएगा कि बेहद जरूरी होने पर मदद लें और कैंसर की जांच या मातृत्व संबंधी मामलों में नियमित समय पर जांच के लिये पहुंचें। उसने कहा कि अन्य बीमारियों के इलाज की गुंजाइश और क्षमता अभी बरकरार है।

एनएचएस के मुख्य कार्यकारी सिमोन स्टीवंस ने कहा, “समस्या की अनदेखी के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, अभी या फिर भविष्य में।”

एपी

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