विदेश की खबरें | आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को बाधित करने से दोहरेपन की बू आती है:भारत
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

संयुक्त राष्ट्र, 12 मार्च भारत ने कहा है कि सुरक्षा परिषद में वैश्विक आतंकवादियों को काली सूची में डालने से संबंधित सबूतों पर आधारित प्रस्तावों में अकारण बाधा पैदा करने से इस बुराई से निपटने में (उसके) ‘दोहरेपन’ की बू आती है।

उसका परोक्ष इशारा चीन की ओर था जिसने पाकिस्तान में रहने वाले आतंकवादियों पर पाबंदी लगाने की कोशिशों में अडंगा लगा रखा है।

अमेरिका में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक सत्र में कहा " अब हम ऐसे उपसंगठनों की ओर नजर डालें जो अप्रत्यक्ष रुप से रहकर ऐसी निजी कार्यशैली एवं अस्पष्ट तौर-तरीके अपनाते हैं जिनका चार्टर या परिषद के प्रस्तावों में कोई कानूनी आधार नहीं है।"

कंबोज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति का जिक्र कर रही थीं। उन्होंने 15 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कार्य पद्धतियों पर सोमवार को खुली बहस में भारत का पक्ष रखा।

उन्होंने कहा, ‘‘ उदाहरणस्वरूप, हमें किसी को (काली) सूची में डालने के इन समितियों के फैसले का पता चल जाता है लेकिन सूची में डालने के अनुरोध को खारिज करने का निर्णय को सार्वजनिक नहीं किया जाता है। यह निश्चित ही छद्म वीटो है , उससे भी अधिक गूढ़ है जिसपर वाकई सदस्यों के बीच व्यापक चर्चा की जरूरत है।’’

कंबोज ने कहा "जब आतंकवाद से निपटने की परिषद की कटिबद्धता की बात आती है तो वैश्विक स्तर पर स्वीकृत आतंकवादियों को काली सूची में डालने से संबंधित वास्तविक साक्ष्यों पर आधारित प्रस्तावों को बिना कोई उचित कारण दिए रोक दिया जाना अवांछनीय है और इससे दोहरेपन की बू आती है

कंबोज की टिप्पणी परिषद के स्थायी और वीटो अधिकार प्राप्त सदस्य चीन के

परोक्ष संदर्भ में प्रतीत होती है, क्योंकि उसने परिषद में पाकिस्तान में रहने वाले आतंकवादियों को काली सूची में डालने के भारत के प्रयासों को बार-बार अवरुद्ध किया है या उन पर तकनीकी रोक लगाई है।

पिछले साल जून में चीन ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल होने के आरोप में वांछित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को अवरुद्ध कर दिया था।

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