देश की खबरें | भाजपा को डीडीसी चुनाव के जनादेश को स्वीकार करना चाहिए : नेशनल कांफ्रेंस
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. नेशनल कांफ्रेंस (नेका) के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि भाजपा, उसके सहयोगियों और जम्मू कश्मीर के प्रशासन को जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के जनादेश को स्वीकार करना चाहिए तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त रोक देनी चाहिए क्योंकि इससे लोकतंत्र एवं संस्थानों की बस बदनामी ही होगी।
श्रीनगर, 26 दिसंबर नेशनल कांफ्रेंस (नेका) के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि भाजपा, उसके सहयोगियों और जम्मू कश्मीर के प्रशासन को जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के जनादेश को स्वीकार करना चाहिए तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त रोक देनी चाहिए क्योंकि इससे लोकतंत्र एवं संस्थानों की बस बदनामी ही होगी।
उन्होंने पूर्व पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी की अगुवाई वाली अपनी पार्टी और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन पर डीडीसी के नवनिर्वाचित सदस्यों की निष्ठा खरीदने के लिए विभिन्न तरीके से दबाव डालने का आरोप लगाया।
उमर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ शोपियां जिले में कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के कुछ विजेताओं को श्रीनगर लाया गया और उनपर अपनी पार्टी में शामिल हो जाने का दवाब डाल गया। ’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने दावे की पुष्टि के लिए एक ऑडियो रिकार्डिंग भी चलायी जिसमें नेशनल कांफ्रेंस की एक विजयी उम्मीदवार के पति से वादा किया जाता है कि यदि उसकी पत्नी ‘‘अल्ताफ बुखारी की पार्टी में शामिल हो जाती है’ तो उसके भाई को तीन दिन के अंदर रिहा कर दिया जाएगा।
डीडीसी की सदस्य यस्मीना जन शुक्रवार को अपनी पार्टी में शामिल हुई थी।
उमर ने कहा कि भाजपा , अपनी पार्टी और जम्मू कश्मीर प्रशासन को गुपकर घोषणापत्र जनगठबंधन (पीएजीडी) के पक्ष में जनादेश को स्वीकार करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ पीएजीडी ने अधिकतर सीटें जीती हैं। भाजपा, अपनी पार्टी, केंद्र और प्रशासन को इसे स्वीकार करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने आज स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम में डीडीसी चुनाव और लोकतंत्र की बात की । ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हर भाजपा नेता छाती ठोक-ठोक कर कह रहे हैं कि डीडीसी चुनाव लोकतंत्र की जीत है... हम उन्हें कहना चाहते कि ‘लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ न करें।’’
उमर ने कहा, ‘‘ यदि यह (निर्वाचित प्रतिनिधियों की खरीद-बिक्री) नहीं रूकी तो मुझे लगता है कि लोकततंत्र एवं संस्थान बदनाम किये जा रहे हैं। यह लोकतंत्र नहीं बल्कि कुछ और है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ संसद, विधानसभा और पंचायतों में दल-बदल कानून है, यह डीडीसी में भी लागू किया जाए। जो अपना पाला बदलते हैं, वे फिर चुनाव लड़ें, हमें पता चल जाएगा कौन कहा है।’’
घाटी में कुछ सीटों पर पीएजीडी के घटकों के बीच दोस्ताना मुकाबले के बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ यह गठबंधन महज कुछ महीना पुराना है। चुनाव गठबंधन बनने के शीघ्र बाद घोषित कर दिये गये। कमोबेश हम समस्याओं से उबरने में कामयाब रहे लेकिन आपको यह भी समझना होगा कि कुछ सीटों पर कई अच्छे उम्मीदवार थे।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)