देश की खबरें | कर्नाटक में मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करने की कोशिश में भाजपा के नेताओं को हिरासत में लिया गया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन कर रहे भाजपा विधायकों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस सरकार की कथित विफलताओं के खिलाफ अपने प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की।

बेंगलुरु, सात फरवरी कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन कर रहे भाजपा विधायकों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस सरकार की कथित विफलताओं के खिलाफ अपने प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की।

भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र के नेतृत्व में भाजपा विधायकों और नेताओं ने विधान सौध के निकट महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया।

प्रदर्शनकारियों ने इसके बाद विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर मार्च निकाला जिसके बाद पुलिस को उन्हें एहतियातन हिरासत में लेना पड़ा। मुख्यमंत्री इस वक्त दिल्ली में मौजूद हैं।

भाजपा ने स्पष्ट रूप से "वित्तीय न्याय की लड़ाई" के लिए सिद्धरमैया के नेतृत्व में कर्नाटक में सत्तारूढ़ दल द्वारा दिल्ली में आयोजित धरने के विरोध में प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर सूखा प्रभावित किसानों को राहत और दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि देने में कथित तौर पर विफल रहने के लिए कांग्रेस सरकार की निंदा करते हुए नारे लगाए।

प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक, विधान परिषद में विपक्ष के नेता कोटा श्रीनिवास पुजारी और कई पूर्व मंत्री शामिल रहे।

बोम्मई ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "कर्नाटक के इतिहास में कभी भी ऐसी कोई सरकार नहीं रही जिसने केंद्र सरकार के खिलाफ नयी दिल्ली में प्रदर्शन कर इतना नाटक किया हो।''

उन्होंने कहा, ''सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है, चाहे वह प्रशासन हो या फिर कानून व्यवस्था, विकास कार्य, राज्य के जल संसाधन की रक्षा या सूखा प्रबंधन हो। वे दिल्ली में प्रदर्शन कैसे कर सकते हैं? उन्हें इस पर शर्म आनी चाहिए।''

बोम्मई ने मुख्यमंत्री को यह बताने की चुनौती दी कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के साथ-साथ भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासनकाल के दौरान राज्य को केंद्र सरकार से कितनी धनराशि मिली।

विजयेंद्र ने कहा कि जो सरकार "पांच गारंटी" नाम के नाटक के माध्यम से सत्ता में आई थी वह सभी मोर्चों पर विफल रही है और मुख्यमंत्री को पता नहीं है कि आगे क्या करना है।

उन्होंने आरोप लगाया, ''प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल है। इसलिए, कांग्रेस नेता आज (नयी दिल्ली में) एक और नाटकबाजी पर उतर आए हैं। राज्य में 500 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं लेकिन सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब वह अपनी विफलता का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की कोशिश कर रही है।''

शिवमोगा से भाजपा सांसद बी. वाई. राघवेंद्र ने इससे पहले संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार अपनी ‘विफलताओं’ को छिपाने के लिए ‘राजनीतिक नौटंकी कर रही है’।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मतदाता बहुत उम्मीदों के साथ कांग्रेस को सत्ता में लाए थे लेकिन केवल छह महीने में लोगों के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने भी सरकार से उम्मीद खो दी क्योंकि राज्य में विकास का कोई काम नहीं हो रहा है।

राघवेंद्र ने कहा, "अब सरकार लोकसभा चुनाव का सामना करने की स्थिति में नहीं है। वे अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। अपनी विफलता को छिपाने के लिए वे केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं और राजनीतिक नौटंकी कर रहे हैं।"

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