शिलांग/दिल्ली, 27 जुलाई : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मेघालय इकाई के उपाध्यक्ष बर्नार्ड एन मराक को अपने फार्म हाऊस पर कथित रूप से वेश्यालय चलाने को लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हापुड़ से गिरफ्तार किया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. मेघालय पुलिस ने शनिवार को पश्चिम गारो पर्वतीय जिले में पूर्व उग्रवादी नेता मराक के फार्म हाऊस पर छापा मारा था जहां से उसने छह नाबालिगों को मुक्त कराया था एवं 73 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया था. तब से मराक फरार चल रहा था. मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने भाजपा के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि गिरफ्तारी के पीछे प्रतिशोध की राजनीति है. उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई सबूतों पर आधारित है.
पश्चिम गारो पर्वतीय जिले के पुलिस अधीक्षक विवेकानंद सिंह ने कहा, ‘‘ बर्नार्ड एन मराक उर्फ तूरा के रिंपू को उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किया गया है. उसे तूरा लाने के लिए एक टीम उत्तर प्रदेश भेजी जा रही है.’’ सिंह ने बताया कि मेघालय पुलिस द्वारा मराक के विरूद्ध लुक आऊट नोटिस जारी किये जाने के कुछ घंटे बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसे हापुड़ में गिरफ्तार किया. इस बीच, हापुड़ के पुलिस अधीक्षक दीपक भुकर ने बताया कि बर्नार्ड एन मराक उर्फ रिंपू को हापुड़ जिले के पिलखुवा इलाके से गिरफ्तार किया गया है. एसपी ने कहा, "उसे तूरा ले जाया जाएगा और उसके लिए मेघालय से पुलिस की एक टीम यहां आ रही है. उसे मेघालय पुलिस को सौंप दिया जाएगा." किसी के विरूद्ध लुकआउट नोटिस इसलिए जारी किया जाता है ताकि वह देश छोड़कर न भाग पाए. तूरा की एक अदालत ने सोमवार को भाजपा नेता के विरूद्ध गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी किया था. भाजपा, मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (एनपीपी) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है. यह भी पढ़ें : Noida: तेज रफ्तार वाहन से कुचलकर व्यक्ति की मौत, आरोपी छात्र गिरफ्तार
मेघालय पुलिस ने कहा कि भाजपा उपाध्यक्ष को जांच में सहयोग करने एवं शिलांग सदर थाने में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था लेकिन वह गिरफ्तारी से बचते फिर रहे थे. उग्रवादी से नेता बने मराक ने दावा किया है कि वह बेगुनाह हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री की बदले की राजनीति के शिकार हैं तथा उन्हें अपनी जान का भय है. प्रदेश भाजपा ने भी उनके दावे का समर्थन किया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में संगमा के खिलाफ भाजपा मराक को मैदान में उतारेगी. मुख्यमंत्री संगमा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने भाजपा उपाध्यक्ष को सलाखों के पीछे डालने का कोई आदेश जारी नहीं किया . संगमा ने कहा, "इस (गिरफ्तारी) का उम्मीदवारी या किसी व्यक्ति के किसी के खिलाफ चुनाव लड़ने से कोई लेना-देना नहीं है." संगमा ने कहा कि पुलिस कार्रवाई और जांच उन लोगों के बयानों के बाद हुई है, जिनका फार्महाउस पर कई बार यौन उत्पीड़न किया गया था. उन्होंने कहा, ''पहले दिन से, जो कुछ भी हुआ वह प्रक्रिया के अनुसार हुआ है. इस विशेष अभियान के संबंध में क्या किया जाना चाहिए या क्या नहीं, इस पर मेरी ओर से किसी भी समय कोई हस्तक्षेप या कोई सुझाव नहीं दिया गया.'' इससे पहले भाजपा के आरोप का खंडन करते हुए उपमुख्यमंत्री प्रिस्टोन टिनसोंग ने कहा कि सरकार पुलिस को कानून के अनुसार काम करने की छूट देती है.
उन्होंने कहा, ‘‘ कानून, कानून होता है और उस पर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि व्यक्ति किस पार्टी से है तथा वह सरकार का हिस्सा है या नहीं. दुखद चीजें हुई हैं और हम कानून को अपना काम करने देंगे.’’ पुलिस ने पहले कहा कि उसने गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारकर नाबालिगों को मुक्त कराया, और फार्म हाऊस से शराब की बोतलें, कंडोम और दर्जनों कारें जब्त कीं. मराक के विरूद्ध भादंसं तथा अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम 1956 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप हैं. उनके विरूद्ध मेघालय में 2000 के शुरुआती समय से 25 से अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं. मराक अब अस्तित्व में नहीं रहे सशस्त्र विद्रोही संगठन एएनवीसी (बी) के अध्यक्ष रह चुका है. एएनवीसी (बी) आचिक नेशनल वोलंटियर काउंसिल का पृथक धड़ा रहा है. बाद में मराक ने भाजपा का दामन थाम लिया और तूरा से जनजातीय परिषद चुनाव जीता.