नयी दिल्ली, 20 सितंबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को दावा किया कि दिल्ली सरकार ने वापस ले ली गई नयी आबकारी नीति के तहत आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेतृत्व के एक करीबी को शराब का ठेका दिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ताजा हमले करते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में करमजीत सिंह लांबा नाम के एक व्यक्ति की केजरीवाल और आप के विधायक सौरव भारद्वाज के साथ तस्वीरें दिखाईं और कहा कि वह शराब वितरण का ठेका हासिल करने वाली कंपनी यूनिवर्सल डिस्ट्रीब्यूटर्स में ना सिर्फ साझेदार थे, बल्कि उन्होंने आप के टिकट पर स्थानीय निकाय का चुनाव भी लड़ा था.
उन्होंने कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार करणजीत सिंह लांबा को सारे नियमों की अनदेखी करके शराब का ठेका दे दिया. कोई पारदर्शिता नहीं. इनका केवल एक ही मकसद है बेईमानी.’’ भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ये बताएं कि करीबियों को भ्रष्टाचार की रेवड़ियां क्यों बांट रहे थे? उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने नियमों की अनदेखी की और शराब के ठेकों में पारदर्शिता नहीं बरती. भाजपा के आरोपों के बारे में लांबा की अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. आप ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से केजरीवाल के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. यह भी पढ़ें : भारत में पिछले दशक में सल्फर डाईऑक्साइड के स्तर में उल्लेखनीय कमी आई : आईआईटी खड़गपुर
दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच हो रही है. भाटिया ने कहा कि शराब कंपनियों को बकाये का जो 144 करोड़ रुपया देना था, इससे संबंधित फैसला वापस लेने का सबसे अधिक लाभ यूनिवर्सल डिस्ट्रीब्यूटर्स को ही मिला था. इसमें इस कंपनी का हिस्सा 66 करोड़ था. भाजपा नेता ने कहा कि आबकारी नीति को लेकर पार्टी केजरीवाल की पोल खोलती रहेगी.