देश की खबरें | 'इंडिया’ से डर गयी है भाजपा : अखिलेश यादव
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' से डर गयी है और दावा किया कि धोखा खायी जनता आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से विदा कर देगी।
लखनऊ, 19 जुलाई समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' से डर गयी है और दावा किया कि धोखा खायी जनता आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से विदा कर देगी।
यादव ने यहां एक बयान में कहा, ''भाजपा इंडिया के नाम से घबरा गयी है। पहले भाजपा के लोग विपक्ष को इंडिया नाम से डराते थे। अब क्या बात है कि वे इंडिया नाम से डर रहे हैं।''
उन्होंने कहा कि ‘‘इंडिया नाम अच्छा है। इंडिया एक संदेश है। इंडिया का संदेश विकास और समावेशी सोच का है। देश की जनता इस बार भाजपा की विदाई कर देगी। भाजपा ने अवाम को झूठा सपना दिखाया। अगले लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा की विदाई कर देगी।’’
यादव ने कहा कि 'इंडिया' गठबंधन की जीत तभी तय हो गयी थी जब भाजपा ने अपने गठबंधन की बैठक भी उसी तारीख को बुला ली। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की बैठक उसका 'विदाई समारोह' था। उन्होंने कहा कि नया गठबंधन इंडिया देश को नई दिशा में ले जाएगा।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ‘‘नोटबंदी देश ही नहीं दुनिया में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा फैसला था। पहले 2000 रुपये का नोट लाए और फिर उसे बंद कर दिया। आज तक जानकारी नहीं दी गयी कि किन बैंकों में 2000 रुपये के नोट सबसे ज्यादा जमा हुए। अगर सरकार यह नहीं बता रही है तो इसका मतलब वह भ्रष्टाचारियों के साथ है। सच तो यह है कि देश की दो तिहाई जनता भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ है। इस बार भाजपा का सफाया करने के लिए सब एक हैं।’’
यादव ने कल बेंगलुरु में 26 विपक्षी दलों की बैठक में भाग लिया था। इस बैठक में 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से मुकाबला करने वाले विपक्षी गठबंधन को ‘‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’’ (इंडिया) नाम दिया गया है।
सपा प्रमुख ने एक ट्वीट कर कहा, ''भारतीय इतिहास आज के दिन को देशभक्ति और सकारात्मक राजनीति के बेंगलुरु आंदोलन के दिन के रूप में याद रखेगा।''
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)