संबलपुर (ओडिशा), 28 दिसंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक उच्च स्तरीय दल ने ओडिशा सरकार से संबलपुर जिला अदालत में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।
बारगढ़ के सांसद सुरेश पुजारी, कालाहांडी के सांसद बसंत पांडा, संबलपुर के सांसद नितेश गंगा देब और पार्टी विधायक सुभाष पाणिग्रही, नाउरी नायक भवानी भोई, कुसुम टेटे और मुकेश महालिंग इस दल में शामिल हैं।
इन्होंने मंगलवार को संबलपुर का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। यहां जिला अदालत परिसर में 12 दिसंबर को हिंसा हुई थी।
पुजारी ने बताया कि उन्होंने कारागार में संबलपुर जिला बार एसोसिएशन (एसडीबीए) के सदस्यों के साथ ही संबलपुर अदालत के न्यायाधीशों, विभिन्न बार संघों के वकीलों, संबलपुर के लोगों, राजस्व मंडल आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, संबलपुर जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की।
उन्होंने बताया कि उनसे इस संबंध में चर्चा की गई कि मौजूदा गतिरोध कैसे खत्म हो सकता है और गिरफ्तार वकीलों की जमानत प्रक्रिया में तेजी कैसे लाई जा सकती है।
पुजारी ने कहा कि गतिरोध के कारण अदालती कामकाज प्रभावित होने से वादियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अदालत परिसर में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 अब भी लागू है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि संकट खत्म हो जाएगा और सामान्य स्थिति बहाल होगी। हम भाजपा के राज्य नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व को दौरे की रिपोर्ट सौंपेंगे।’’
पुजारी ने कहा कि सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए वकीलों की जमानत जरूरी है।
भाजपा नेता ने कहा कि गतिरोध खत्म करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार को भी आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम वकीलों के निलंबन आदेश को रद्द करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) और केंद्रीय कानून मंत्री के भी संपर्क में हैं। हम बजट सत्र के दौरान संसद और विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएंगे।’’
संबलपुर में उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ की स्थापना की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान अदालत परिसर में हिंसा हुई थी। न्यायिक अधिकारियों को अदालत जाने से रोकने और हिंसा भड़काने के आरोप में 30 वकीलों सहित 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले 54 वकीलों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं।
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