भाजपा का लक्ष्य भारत को तुष्टीकरण से तृप्तिकरण की ओर ले जाना है: प्रधानमंत्री मोदी

हैदराबाद, 4 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वह देश में लंबे समय तक शासन करने वाले दलों द्वारा की गई गलतियों से सीख लें, जो आज अपना अस्तित्व बचाने में लगे हुए हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा का लक्ष्य भारत को तुष्टीकरण से तृप्तिकरण की ओर ले जाना है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं से भारत को ‘‘श्रेष्ठ’’ बनाने की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया और कहा कि वह अपने व्यवहार में संयम बरतने, संतुलन साधने और समन्वय के साथ काम करने के गुण विकसित करें. उन्होंने कहा, ‘‘ये जब हम करेंगे तभी हमारे जो लक्ष्य हैं- एक भारत, श्रेष्ठ भारत और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास- पूरे हो पाएंगे.’’

ज्ञात हो कि भाजपा कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों पर तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाती रही है. मोदी ने कार्यकर्ताओं से ‘‘स्नेह यात्रा’’ निकालने और समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने को भी कहा. पार्टी की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘‘विपक्षी पार्टियों की स्थिति बहुत खराब है. हमें उनकी इस स्थिति से सीख लेनी है कि वे कौन सी बुराई और कमियां हैं, जिनके कारण वे इतने नीचे आ गए, जनता से दूर होते गए और लगातार दूर होते ही जा रहे हैं. हमें उन चीजों से अपने आप को बचाए रखना है, क्योंकि हम अपने लिए नहीं, बल्कि मातृभूमि के लिए कार्य कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि सत्ता से बाहर होने पर कई पार्टियों के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा हो जाता है, जबकि भाजपा जिन राज्यों में दशकों तक सत्ता में नहीं थी, वहां भी पार्टी का कैडर रहा और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कार्यकर्ता न थके हैं, न झुके हैं और न रुके हैं. पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों में विपरीत परिस्थितियों में भी भाजपा के कार्यकर्ता देश के लिए अविचल रह कर काम कर रहे हैं. हमें अपने कार्यकर्ताओं पर गर्व है.’’ प्रधानमंत्री के संबोधन के प्रमुख हिस्सों के बारे में पत्रकारों को अवगत कराते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इसका उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गो के लोगों के बीच जाकर समाज में स्नेह और समन्वय को मजबूत करना है. प्रसाद के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य पी-2 से जी-2 का होना चाहिए, अर्थात जन हितैषी और सुशासन हमारी पूरी कार्य पद्धति होनी चाहिए.’’ मोदी ने कहा, ‘‘हम इस बात के लिए कटिबद्ध हैं कि पहले गरीबों को बुनियादी सुविधाओं और आगे बढ़ने के अवसरों के बिना जिस तरह की जिंदगी बितानी पड़ी, उनके बच्चों को उन हालातों से गुजरना नहीं पड़ेगा. हमारा लक्ष्य स्पष्ट है- हमें आने वाली पीढ़ियों को आज से बेहतर भविष्य देना है, आज से बेहतर जीवन देना है.’’

विपक्षी दलों पर जोरदार हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश वंशवादी राजनीति और वंशवादी राजनीतिक दलों से पूरी तरह ऊब चुका है और ऐसी पार्टियों के लिए अब टिक पाना मुश्किल है. प्रसाद ने मोदी के हवाले से कहा, ‘‘परिवारवाद से देश पूरी तरह ऊब चुका है. देश परिवारवादी पार्टियों से भी ऊब चुका है. ऐसे दलों के लिए अब टिक पाना मुश्किल है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान की जनता अब ऐसी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘स्थापना काल से ही हमारी पार्टी की आत्मा में वास्तविक लोकतंत्र का संस्कार रहा है.’’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जो वर्षों तक देश की सत्ता पर काबिज रहे, वे देश हित की योजनाओं का भी अंधा विरोध करने पर उतारू हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जनता उन्हें न तो सुनती है, न स्वीकारती है. बस नकारती है. नकारात्मकता के बीच सकारात्मक बात को उठाना एक चुनौतीपूर्ण काम है. हमने गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, आदिवासी, युवा एवं महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए जो काम किये, उन्हें जनता तक पहुंचाना जरूरी है. हमने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जो प्रयास किये, उसे जनता तक पहुंचाना बहुत जरूरी है.’’ यह भी पढ़ें : आगरा में एक घर में बुजुर्ग पति-पत्नी के शव मिले, लाखों के कीमती सामान गायब

मोदी ने युवा पीढ़ी को आगे लाने का आह्वान करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अधिक से अधिक युवाओं से संपर्क करें और उन्हें पार्टी से जोड़ें. प्रधानमंत्री ने 2016 में इलाहाबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में कार्यकर्ताओं को दिए अपने संदेश को दोहराते हुए कहा कि उनमें सेवाभाव, संतुलन, समन्वय, सकारात्मकता, सद्भावना और संवाद के गुण होने चाहिए. दो दिनों तक यहां के हैदराबाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हुई भाजपा की राष्ट्रीय समिति के दौरान संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा की गई तथा केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों और उसके सुशासन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की जमकर सराहना की गई. बैठक के दौरान भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान से पैदा हुए विवाद और उदयपुर में एक दर्जी की इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा की गई हत्या जैसे मुद्दों पर चर्चा तो नहीं हुई, लेकिन शनिवार को पारित एक शोक प्रस्ताव में दर्जी कन्हैयालाल का उल्लेख जरूर किया गया.

हैदराबाद को ‘‘भाग्यनगर’’ कहते हुए मोदी ने कहा कि हैदराबाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने एक भारत की नींव रखी थी, जिसको तोड़ने का बहुत प्रयास होता था. उन्होंने कहा, ‘‘अब भाजपा के कंधों पर एक भारत से श्रेष्ठ भारत की यात्रा को पूरा करने का दायित्व है.’’ मोदी ने कहा कि देश में जो कुछ भी अच्छा है, वह हर भारतवासी का है और भाजपा इसी दर्शन पर विश्वास करती है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सोच लोकतांत्रिक है. तभी सरदार पटेल कांग्रेस के नेता थे, लेकिन उनकी विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ हमने बनवाई. हमारी सोच लोकतांत्रिक है, इसीलिए जब हमने प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया तो देश के सारे प्रधानमंत्रियों को उसमें स्थान दिया.’’ उन्होंने यह भी कहा कि आजकल कई राजनीतिक दल अपने अस्तित्व को बचाने में लगे हुए हैं, लेकिन पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को उन पर न तो हंसना चाहिए और न व्यंग्य करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हमें सीखना है कि हम कोई ऐसा काम न करें, जो उन्होंने किया. विविधता की शक्ति के साथ हम अपने संगठन के संकल्प को देश में विस्तारित करें.’’ प्रधानमंत्री के हवाले से पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य जहां ‘‘सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय’’ है, वहीं आज देश के कई विपक्षी दल वंशवाद से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा को पूरे देश में महिलाओं का ‘‘बहुत आशीर्वाद’’ मिल रहा है, उज्ज्वला योजना और तीन तलाक से लेकर दर्जनों कार्यक्रम उनके लिए चलाए गए हैं, और इसलिए पार्टी का फर्ज बनता है कि यह प्रतिबद्धता उनके लिए हमेशा बनी रहनी चाहिए. भाजपा के लोकतांत्रिक चरित्र को लेकर उसकी आलोचना करने वाले दलों पर भी प्रधानमंत्री ने निशाना साधा और कहा, ‘‘हमारी पार्टी पर जो सवाल उठाते हैं, उनका अपना क्या हाल है. उनके संगठनात्मक ढांचे में कितना लोकतंत्र है?’’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में राष्ट्रपति पद की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू का भी जिक्र किया और कहा कि भाजपा नेताओं को देश को बताना चाहिए कि आज पहली बार एक आदिवासी और योग्य महिला भारत की राष्ट्रपति बनने जा रही है, और आजादी के 75 साल में आज तक ऐसा नहीं हुआ था.