पटना/नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की गैरकानूनी और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से संबंधित मामले में एक मुख्य आरोपी के खिलाफ बिहार में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि अनवर राशिद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत पूरक आरोपपत्र शुक्रवार को पटना की एक विशेष एनआईए अदालत में दाखिल किया गया।
अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर का निवासी राशिद इस मामले में गिरफ्तार किए गए 17 आरोपियों में से एक है। यह मामला शुरुआत में पिछले साल 12 जुलाई को 26 आरोपियों के खिलाफ फुलवारीशरीफ पुलिस थाने में दर्ज किया गया था।
एनआईए ने 10 दिन बाद मामले को अपने हाथ में लिया और सात जनवरी, तीन अगस्त और एक सितंबर को 13 संदिग्धों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जांच से पता चला है कि राशिद पहले प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) का सदस्य था। सिमी पर प्रतिबंध के बाद, वह ‘वहदत-ए-इस्लामी, हिंद’ समूह से जुड़ गया जबकि सिमी की चरमपंथी, गैरकानूनी और हिंसक विचारधारा को बढ़ावा देना जारी रखा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सिमी पर प्रतिबंध के बाद, इसके सदस्यों ने भारत में इस्लामी शासन की स्थापना के उद्देश्य से वहदत-ए-इस्लामी के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की।’’
अधिकारी ने कहा कि उस अवधि के दौरान जब पीएफआई सक्रिय रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश में अपनी गतिविधियां आयोजित कर रहा था, राशिद ने इस्लामी शासन स्थापित करने के अपने साझा लक्ष्य से प्रेरित होकर खुद को इन समूहों के साथ जोड़ लिया।
अधिकारी ने कहा कि राशिद आतंकवाद के आरोपियों को वित्त-पोषण उपलब्ध कराने में भी शामिल था।
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