चेन्नई, 10 जुलाई तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक की आम परिषद और कार्यकारी समिति की 11 जुलाई को होने वाली ऐतिहासिक बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी को पार्टी के एकल सर्वोच्च नेता के रूप में चुने जाने की उम्मीद है।
जहां मद्रास उच्च न्यायालय बैठक आयोजित करने के खिलाफ एक याचिका पर सोमवार सुबह अपना फैसला सुनाने के लिए तैयार है, वहीं शहर के बाहरी इलाके में एक मैरिज हॉल के परिसर में बैठक आयोजित करने के लिए सारी व्यवस्थाएं की गई हैं।
कार्यक्रम की मेजबानी करने और लगभग 3,000 पदाधिकारियों को समायोजित करने के लिए परिसर में एक बड़े खुले क्षेत्र को टिन की छत से ढका गया है। लगभग 80 फुट लंबा और 40 फुट चौड़ा एक भव्य मंच वरिष्ठ नेताओं के लिए तैयार किया गया है।
ओपीएस (पनीरसेल्वम) खेमे ने पलानीस्वामी को शीर्ष नेता के रूप में चुनने के लिए बैठक का कड़ा विरोध किया है। पार्टी ने केवल एक्सेस कार्ड वाले अधिकृत पदाधिकारियों को अनुमति देने के लिए प्रवेश नियंत्रण उपकरण जैसे ‘फ्लैप बैरियर’ और ‘टर्नस्टाइल’ स्थापित किए हैं।
पूरे परिसर को पार्टी के आदर्श एमजी रामचंद्रन और जे जयललिता के चित्रों से सजाया गया है, जबकि पलानीस्वामी की तस्वीर को बीच-बीच में सावधानी से लगाया गया है।
पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम दोनों के खेमे ने अपनी भावी कार्रवाई पर अलग-अलग चर्चा जारी रखी। पी थंगमणि और आर बी उदयकुमार सहित ईपीएस समर्थकों और पार्टी नेताओं ने रविवार को कार्यक्रम की मेजबानी के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा की। पलानीस्वामी खेमे ने कहा कि जीसी सदस्यों का समर्थन बढ़कर 2,455 हो गया है, वहीं पनीरसेल्वम गुट ने कहा कि ओपीएस को 1.5 करोड़ पार्टी सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। पार्टी में लगभग 2,650 जीसी सदस्य हैं।
अन्नाद्रमुक सूत्रों ने संकेत दिया कि पनीरसेल्वम के पास सिर्फ बैठक का बहिष्कार करने का विकल्प है। गत 23 जून को हुई जीसी की बैठक में अराजक दृश्य देखने को मिले थे और पलानीस्वामी खेमे के प्रति अपना विरोध जाहिर करने के बाद पनीरसेल्वम अपने समर्थकों के साथ बाहर चले गए थे।
पिछले महीने से अन्नाद्रमुक में एकल नेतृत्व के मुद्दे पर गंभीर खींचतान चल रही है। पलानीस्वामी को बहुमत का समर्थन प्राप्त है और पन्नीरसेल्वम को पार्टी में दरकिनार कर दिया गया है। माना जा रहा है कि अन्नाद्रमुक जल्द ही पनीरसेल्वम के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा था कि वह आम परिषद की बैठक आयोजित करने के खिलाफ एक याचिका पर 11 जुलाई को सुबह नौ बजे तक आदेश सुनाएगा।
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