जरुरी जानकारी | भारतपे ने कहा, बोर्ड के सदस्यों की ईमानदारी पर सवाल उठाना पीड़ादायक

नयी दिल्ली, चार फरवरी भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर द्वारा फर्म के निवेशकों के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू करने पर कंपनी ने शुक्रवार को कहा बोर्ड के सदस्यों की ईमानदारी पर सवाल उठाना और तथ्यों को गलत तरीके से पेश करना पीड़ादायक है।

गौरतलब है कि ग्रोवर कथित धोखाधड़ी, अभद्र व्यवहार और कॉरपोरेट प्रशासन के मुद्दों पर जांच का सामना कर रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने आक्रामक रुख अपनाया।

भारतपे ने एक बयान में कहा, ‘‘बोर्ड ने कंपनी के सर्वोत्तम हित में अपने सभी कार्यों में उचित प्रक्रिया का पालन किया है। हम आग्रह करेंगे कि प्रशासनिक समीक्षा और बोर्ड की बैठकों की गोपनीयता और अखंडता को बनाए रखा जाए।’’

ग्रोवर इस समय लंबी छुट्टी पर हैं और कोटक महिंद्रा बैंक के साथ उनका विवाद सामने आने के बाद भारतपे की स्वतंत्र समीक्षा की जा रही है। ऐसे में कंपनी के कामकाज से जुड़े कई मामले सामने आ सकते हैं।

दरअसल जनवरी की शुरुआत में आए एक ऑडियो क्लिप में ग्रोवर कथित तौर पर कोटक महिंद्रा बैंक के एक कर्मचारी को फोन पर धमकाते हुए सुनाई दिए थे। वह नायका के आईपीओ के दौरान शेयर आवंटन में बैंक की तरफ से गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए सुनाई दिए थे।

बाद में ग्रोवर ने कथित तौर पर यह कहा कि छुट्टी पर जाने के लिए कंपनी के निवेशकों ने उन पर दबाव बनाया और उनका सीईओ समीर सुहैल पर से भरोसा उठ गया है।

भारतपे ने बयान में कहा, ‘‘हमें इस बात का गहरा दुख है कि भारतपे के बोर्ड या बोर्ड के सदस्यों की ईमानदारी पर बार-बार गलत तथ्यों और निराधार आरोपों के जरिए सवाल उठाए जा रहे हैं।’’

कंपनी ने मीडिया सहित सभी से संयम बरतने का अनुरोध किया।

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