Bahraich Violence: ध्वस्तीकरण नोटिस के खिलाफ आरोपियों की याचिका पर न्यायालय करेगा सुनवाई

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर : उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी ध्वस्तीकरण नोटिस के खिलाफ बहराइच सांप्रदायिक हिंसा मामले के तीन आरोपियों की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया. सिंह ने पीठ से कहा, ‘‘यह उन तीन व्यक्तियों की याचिका है जिन्हें ध्वस्तीकरण संबंधी नोटिस प्राप्त हुए हैं. राज्य सरकार ने नोटिस का जवाब देने के लिए केवल तीन दिन का समय दिया है.’’

सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता संख्या-एक के पिता और भाइयों ने आत्मसमर्पण कर दिया है और नोटिस कथित तौर पर 17 अक्टूबर को जारी किए गए और 18 की शाम को चिपकाए गए. उन्होंने कहा, ‘‘हमने रविवार को सुनवाई का अनुरोध किया था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.’’ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने अदालत से कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले पर विचार किया है और नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है. यह भी पढ़ें : Lawrence Bishnoi may fight Maharashtra Elections: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को मिला चुनाव लड़ने का ऑफर, सुनील शुक्ला ने जताया भरोसा

इसके बाद पीठ ने कहा, ‘‘यदि वे (उत्तर प्रदेश सरकार) हमारे आदेश का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहते हैं, तो यह उनकी मर्जी है.’’ याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय ने कोई संरक्षण नहीं दिया है. इसके बाद न्यायालय ने एएसजी से बुधवार तक कोई कार्रवाई नहीं करने को मौखिक रूप से कहा और मामले को उसी दिन के लिए सूचीबद्ध किया. महाराजगंज में एक पूजा स्थल के बाहर तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर हुए अंतर-धार्मिक विवाद में गोली लगने से राम गोपाल मिश्रा (22) की रविवार को मौत हो गई थी. इस घटना से सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई, जिसके कारण क्षेत्र में आगजनी एवं तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं तथा इंटरनेट सेवा चार दिन तक निलंबित रही.