चन्द्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार पर साधा निशाना, संविधान बदलने की भाजपा की मंशा की अफवाहों को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चन्द्रशेखर बावनकुले ने रविवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता उस समूह का हिस्सा हैं, जो अफवाह फैला रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संविधान बदलने का इरादा रखती है.
मुंबई, 24 मार्च : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चन्द्रशेखर बावनकुले ने रविवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता उस समूह का हिस्सा हैं, जो अफवाह फैला रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संविधान बदलने का इरादा रखती है. भाजपा नेता ने कहा कि देश का संविधान बहुत मजबूत है और इसे कोई नहीं बदल सकता. उन्होंने कहा कि लोगों को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) प्रमुख पवार समेत विभिन्न नेताओं की ''झूठी बातों'' का शिकार नहीं बनना चाहिए. बावनकुले ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई विभिन्न गारंटी के कारण संविधान को बदलने के भाजपा के इरादों के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं. शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेताओं को अफवाह फैलाने वाले लोगों के समूह में शामिल होते देखना दुर्भाग्यपूर्ण है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश के संविधान को कोई नहीं बदल सकता. यह बहुत मजबूत है. शरद पवार को निश्चित रूप से पता होगा कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान में कितनी बार संशोधन किया है.’’ बावनकुले ने कहा कि ऐसे रिकॉर्ड के विपरीत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 10 वर्ष में संविधान का हमेशा मान-सम्मान किया है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन का नाम भी बदलकर संविधान सदन कर दिया है. भाजपा ने हमेशा संवैधानिक मूल्यों और देश के हित में काम किया है. लोगों को नेताओं, खासकर शरद पवार की झूठी बातों का शिकार नहीं होना चाहिए.’’ यह भी पढ़ें : Karnataka: पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे राघवेंद्र की बढ़ी मुश्किलें, आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में FIR दर्ज
अपने कट्टरपंथी विचारों के लिए जाने जाने वाले भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा था कि उनकी पार्टी को संविधान में संशोधन करने और "कांग्रेस द्वारा इसमें की गई विकृतियों और अनावश्यक परिवर्धन को ठीक करने" के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने इस महीने की शुरुआत में कहा था, ‘‘यह टिप्पणी दर्शाती है कि भाजपा नेतृत्व के मन में क्या है और यह देश के लिए चिंताजनक है. अगर कोई सार्वजनिक रूप से ऐसा कह रहा है, तो ऐसी चीजों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.’’