नयी दिल्ली, 10 फरवरी: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन औवैसी ने शनिवार को लोकसभा में दावा किया कि ‘‘बाबरी मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी.’’ उन्होंने सदन में नियम 193 के तहत ‘ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर के निर्माण और श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि वह बाबर, जिन्ना औ औरंगजेब के प्रवक्ता नहीं हैं.
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को ‘भारत रत्न’ की घोषणा पर सवाल खड़े किए और कहा कि यह बताता है कि इंसाफ या जिंदा है या जुल्म को बरकरार रखा जा रहा है. हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने सवाल किया, ‘‘क्या मोदी सरकार एक धर्म की सरकार है या सभी धर्मों को मानने वालों की सरकार है? क्या यह सिर्फ हिंदुत्व के नजरिये की सरकार है? ’’ विडियो देखे:-
BABRI MASJID की शहादत पर Barrister @asadowaisi का Lok Sabha में ख़िताब: कहा Babri Masjid थी, है और रहेगी। बाबरी मस्जिद ज़िंदाबाद, भारत ज़िंदाबाद ✊#AIMIM #AsaduddinOwaisi #Majlis #BabriMasjid #loksabha2024 #babrimasjidzindabad #Parliament #Bharat #India pic.twitter.com/AVPeZLTGmr
— AIMIM (@aimim_national) February 10, 2024
ओवैसी ने सत्तापक्ष के सदस्यों की टोका-टोकी के बीच कहा, ‘‘क्या मैं बाबर, जिन्ना और औरंगजेब का प्रवक्ता हूं?’’ एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, ‘‘मेरा ईमान मुझे कहता है कि बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी. बाबरी मस्जिद जिंदाबाद, भारत जिंदाबाद, जय हिंद.’’ ओवैसी का कहना था कि राम मंदिर के विषय पर ‘तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियों’ की चुप्पी ही उनकी रजामंदी है.
उन्होंने कहा, ‘‘मर्यादा पुरुषोत्तम राम की इज्जत करता हूं, लेकिन नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं क्योंकि गोडसे ने उस शख्स को गोली मारी जिनके मुंह से आखिरी शब्द ‘हे राम’ निकला था.’’ ओवैसी ने दावा किया कि आज देश के मुसलमान अजनबी और अलग-थलग महसूस कर रहे हैं.
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