FIFA Qatar World Cup 2022: फीफा की विश्वकप में हुई बल्ले-बल्ले, लेकिन कुछ भरोसा भी खोया
इसके पीछे उनके कुछ स्वार्थ छिपे हुए थे क्योंकि 12 साल पहले अकूत धन संपत्ति के मालिक कतर को विश्व कप का मेजबान चुने जाने के बाद राजनीतिक रूप से इसका लगातार विरोध होता रहा. फीफा की मुख्य भूमिका वैश्विक फुटबॉल के नियमों पर निगरानी रखना और यह सुनिश्चित करना है कि विश्व कप अपने निर्धारित समय के अनुसार संपन्न हो.
इसके पीछे उनके कुछ स्वार्थ छिपे हुए थे क्योंकि 12 साल पहले अकूत धन संपत्ति के मालिक कतर को विश्व कप का मेजबान चुने जाने के बाद राजनीतिक रूप से इसका लगातार विरोध होता रहा. फीफा की मुख्य भूमिका वैश्विक फुटबॉल के नियमों पर निगरानी रखना और यह सुनिश्चित करना है कि विश्व कप अपने निर्धारित समय के अनुसार संपन्न हो. इसमें वह सफल रहा और उसने अरबों डॉलर की कमाई भी की. खेल शुरू होने के बाद सभी का ध्यान मैदान पर चला गया और जब तीसरे दिन ही मेस्सी और अर्जेंटीना को सऊदी अरब के हाथों उलटफेर का सामना करना पड़ा तो लोग बाकी बातों को भूल कर खेल में रम गए. इसके एक दिन बाद जर्मनी को जापान ने हरा दिया और फिर ब्राजील ने अपने पहले मैच में सर्बिया को हराकर फुटबॉल प्रेमियों को खुश कर दिया. मोरक्को ने कमाल दिखाया और विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाला पहला अफ्रीकी देश बना.
खेल फिर भी केंद्र में रहा भले ही नीदरलैंड और स्पेन आगे नहीं बढ़ पाए और ब्राजील भी क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गया. इस बार विश्व कप में कुछ बड़ी टीमों का ही दबदबा नहीं रहा और पहली बार इस टूर्नामेंट में वास्तव में वैश्विक स्वरूप देखने को मिला. फाइनल तो ऐतिहासिक था जिसने अर्जेंटीना और फ्रांस अतिरिक्त समय के बाद 3-3 से बराबरी पर थे और आखिर में पेनल्टी शूटआउट में मेस्सी की टीम ने खिताब जीता. लेकिन यह विश्वकप पहला ऐसा टूर्नामेंट था जो कि राजनीतिक रूप से भी ज्यादा चर्चा में रहा. प्रतियोगिता शुरू होने से पहले कतर के मानव अधिकार रिकॉर्ड को लेकर चर्चा होती रही. कुछ यूरोपीय टीमों ने इसका विरोध करने का फैसला किया था लेकिन फीफा ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. यह भी पढ़ें :FIFA Qatar World Cup 2022: मोड्रिच ने अपने अंतरराष्ट्रीय भविष्य के अटकलों को किया खारिज
कतर विश्वकप सरकार से संचालित टूर्नामेंट था और यह स्पष्ट नजर आ रहा था कौन प्रभारी है. किसी भी तरह के विरोध को दबाने का पूरा प्रयास किया गया. संचालन को लेकर अधिकतर जानकारियां हासिल करना आसान नहीं रहा और ऐसे किसी भी अनुरोध को अमूमन नजरअंदाज कर दिया गया. नियमित तौर पर होने वाले संवाददाता सम्मेलन नहीं हुए जैसा कि पूर्व के विश्वकप में होता रहा है. इस बार विश्व कप में यूरोप से अधिक दर्शक नहीं आए लेकिन अर्जेंटीना और मोरक्को से उम्मीद से अधिक प्रशंसक कतर पहुंचे. टूर्नामेंट से पहले अनुमान लगाया गया था कि एक करोड़ 20 करोड़ पर्यटक विश्वकप के दौरान कतर पहुंचेंगे लेकिन अधिकारिक आंकड़ा अंतिम सप्ताह के लिए आठ लाख दर्शकों से कम का था. मोरक्को जब सेमीफाइनल में पहुंचा तो उसके कई प्रशंसकों ने कतर पहुंचने की कोशिश की. आलम यह था कि दर्शकों को रोकने के लिए दोहा आने वाली कई उड़ानों को रद्द कर दिया गया था.
विश्वकप के अन्य मैचों में हालांकि दर्शकों की संख्या कम दिखी तथा कई सीटें खाली पड़ी रही. महंगे आवास के कारण भी दर्शक विश्वकप से दूर रहे. टूर्नामेंट के शुरू में तो खाली सीटों को भरने के लिए प्रतियोगिता के आयोजकों ने कतर के निवासियों को मुफ्त टिकट मुहैया कराई. इस सबके बावजूद रिपोर्टों के अनुसार फीफा ने कतर विश्व कप तक के चार साल के वाणिज्यिक चक्र में सात अरब 50 करोड़ डॉलर की कमाई की जो उम्मीद से अधिक थी. फीफा को अब अगले चार साल के वाणिज्यिक चक्र में 11 अरब डॉलर की कमाई की उम्मीद है. इससे फीफा के 211 सदस्य महासंघों का भी फायदा होगा क्योंकि उन्हें विश्व की सर्वोच्च फुटबॉल संस्था से अधिक धनराशि मिलेगी.