देश की खबरें | राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए सजी अयोध्या, धनुष-बाण की कलाकृतियों से पटी शहर की सड़कें

अयोध्या, 18 जनवरी उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से ठीक पहले यह नगरी पूरी तरह सज-धजकर तैयार हो चुकी है और यहां भगवान राम तथा उनके धनुष एवं बाणों को चित्रित करने वाली कलाकृतियों से सुसज्जित फ्लाईओवर पर लगी स्ट्रीटलाइट और पारंपरिक ‘रामानंदी तिलक’ विषय पर आधारित डिजाइन वाले सजावटी लैंपपोस्ट चहुंओर छटा बिखेर रहे हैं।

राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा समोराह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य गणमान्य हस्तियां उपस्थित रहेंगी।

इस महासमारोह में महज चार दिन शेष हैं और अयोध्या की ओर जाने वाली सभी सड़कें धार्मिक भावनाओं में रंग गयी हैं।

लखनऊ से अयोध्या जाने वाले राजमार्ग पर जब आप यात्रा करेंगे, तो जगह-जगह राम मंदिर के विशाल पोस्टर लगे हुए पाएंगे। इन पोस्टर पर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तिथि के साथ-साथ 'शुभ घड़ी आई, विराजे रघुराई' जैसे नारे छपे हुए हैं और इस तरह के पोस्टर से अयोध्या की सड़कें भी अटी पड़ी हैं।

राजमार्ग पर पड़ने वाले ज्यादातर होटल और ढाबों पर अयोध्या आने वाले भक्तों का स्वागत करते हुए बैनर लगे हुए दिखाई दिए, जिनपर भगवान राम की तस्वीर मौजूद थी। इनके अलावा भगवान राम की तस्वीर वाले भगवा झंडों के साथ नये मंदिर की तस्वीरें भी लगी हुई हैं।

फैजाबाद शहर से अयोध्या में प्रवेश करने पर आपको अपने आस-पास की फिजा में आध्यात्मिक अनुभूति का अहसास होता है।

अयोध्या में भगवान राम तथा उनके धनुष एवं बाणों को चित्रित करने वाली कलाकृतियों से सुसज्जित फ्लाईओवर पर लगी स्ट्रीटलाइट और पारंपरिक ‘रामानंदी तिलक’ विषय पर आधारित डिजाइन वाले सजावटी लैंपपोस्ट चहुंओर छटा बिखेर रहे हैं।

'रामानंदी तिलक' माथे पर दो खड़ी सफेद रेखाओं के बीच केंद्र में एक लाल पट्टी बनाकर तैयार किया जाता है और भगवान राम के भक्त आमतौर पर इस प्रकार का तिलक लगाना पसंद करते हैं। कई स्थानीय निवासियों और अन्य स्थानों से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के माथे पर यह तिलक लगा हुआ देखा जा सकता है।

अयोध्या शहर में राम पथ और धर्म पथ दो मुख्य रास्ते हैं, जो इस वक्त आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, विशेष तौर पर यहां की साजो-सज्जा मनमोहक है।

राम पथ, फैजाबाद शहर के सहादतगंज से अयोध्या शहर के नया घाट चौराहे तक 13 किलोमीटर की दूरी वाला मार्ग है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ''राम पथ और धर्म पथ दो ऐसे मार्ग हैं, जिन्हें आप कला के बेहतरीन नमूने के तौर पर देख सकते हैं। इन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अच्छी तरह से सजाया गया है। इन दोनों सड़कों के किनारे स्थापित सजावटी लैंप पोस्ट के डिजाइन लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए अयोध्या के विकास को दर्शाते हैं।''

राम पथ और धर्म पथ, ये दोनों मार्ग लता मंगेशकर चौक पर आकर मिलते हैं, जो दिवंगत सुर साम्राज्ञी के नाम पर एक प्रतिष्ठित चौराहा है। यह चौराहा विशाल बैनर और डिजिटल डिस्प्ले से लैस है, जिसपर 'प्राण-प्रतिष्ठा' समारोह से जुड़ी जानकारियां और तस्वीरें यहां आने वाले भक्तों का स्वागत करती हैं। इतनी ही नहीं कुछ पोस्टर पर 'राम आएंगे' जैसी पंक्तियां भी लिखी हुई हैं।

धर्म पथ के दोनों छोरों पर 'सूर्य स्तंभ' स्थापित किए गए हैं, जो इस मार्ग की भव्यता को बढ़ा रहे हैं, जबकि मार्ग के शुरू और समाप्ति पर 'रामानंदी तिलक' और अन्य प्रतीक वाले डिजाइन वाले सजावटी लैंप पोस्ट इस मार्ग की शोभा बढ़ा रहे हैं, यही वजह है कि यहां आने पर आध्यात्मिक अनुभूति का अहसास होता है।

शाम तक, सड़क के दोनों किनारों और धर्म पथ के बीचोबीच (डिवाइडर) स्थित ये अनुकूलित लैंप पोस्ट और सूर्य-थीम वाले स्तंभ, चालू होने पर, एक चमकदार तस्वीर पेश करते हैं।

शाम होते-होते सड़क के दोनों किनारों और धर्म पथ के मध्य किनारे पर लगे ये लैंप पोस्ट और सूर्य-थीम वाले खंभे जब रोशनी से जगमगाते हैं तो किसी का भी मनमोह लेते हैं।

इस मुख्य सड़क के किनारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीरें और उनके 'विकास और विरासत' के संदेश वाले कई पोस्टर भी लगे हुए हैं। राम पथ के किनारे बने बस स्टैंड को भी रामायण पर आधारित कलाकृतियों से सजाया गया है। ये कलाकृतियां राहगीरों का ध्यान आकृष्ट कर रही हैं।

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