देश की खबरें | अगस्ता वेस्टलैंड : सीबीआई ने क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत याचिका का विरोध किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के सिलसिले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में उनकी करीबी संलिप्तता दिखाने के लिए साक्ष्य हैं।

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के सिलसिले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में उनकी करीबी संलिप्तता दिखाने के लिए साक्ष्य हैं।

एजेंसी ने न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी को बताया कि मिशेल ने घोटाले से संबंधित कुछ अनुबंधों के अनुसार 4.2 करोड़ यूरो प्राप्त किए और दावा किया कि यदि निचली अदालत द्वारा दिन-प्रतिदिन की कार्यवाही का आदेश दिया जाता है तो मुकदमा छह महीने में समाप्त हो जाएगा।

करीब 3,600 करोड़ रुपये का यह कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित है।

सीबीआई की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने कहा कि दिसंबर 2018 में दुबई से मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद जांच में काफी प्रगति हुई है।

उन्होंने तर्क दिया कि उसका यह दावा है कि दुबई शाही परिवार के एक सदस्य की वापसी के लिए उसे “क्विड प्रो क्वो” (किसी उपकार के बदले पहुंचाया गया लाभ) के रूप में भारत में प्रत्यर्पित किया गया था जो, “आपत्तिजनक” और “उसकी कल्पना की उपज” था।

सिंह ने कहा, “यह भारत सरकार को बदनाम करने का एक हास्यास्पद दावा है।”

उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में, मिशेल ने निचली अदालत के 18 जून के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसे मामले में जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया गया था, यह देखते हुए कि उसे जमानत देने के लिए उपयुक्त आधार नहीं था।

निचली अदालत ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि समग्र तथ्यों और परिस्थितियों, आरोपों की गंभीर प्रकृति, अपराध की गंभीरता और आरोपी के आचरण को देखते हुए उसे नहीं लगता कि यह जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला है।

सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में अपनी जमानत अर्जी में आरोपी ने कहा था कि जांच के लिये उसकी जरूरत नहीं है और उसने जांच में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की।

आवेदनों में कहा गया था कि आरोपी ने कभी भी कानून की प्रक्रिया से बचने की कोशिश नहीं की और उसे आगे हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

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