नयी दिल्ली, 27 नवंबर राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 43वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में असम दिवस मनाया गया और इस दौरान राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर एवं विविधता का प्रदर्शन करते हुए शतरिया, बिहू, करबी और तिवा जैसी विभिन्न लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी गयी।
राज्य सरकार के एक बयान के अनुसार असम के उद्योग एवं वाणिज्य तथा संस्कृति मामलों के मंत्री बिमल बोरा ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और उनके पूर्ववर्ती सर्बानंद सोनोवाल के शासन में राज्य में तेजी से विकास हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में कई लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है, जिसमें जगीरोड पर 27,000 करोड़ रुपये की सेमी कंडक्टर इकाई शामिल है, कई प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ 13,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसमें 7,000 करोड़ रुपये की ग्रीनफील्ड परियोजना भी शामिल है।’’
मंत्री ने कहा कि अगले साल फरवरी में गुवाहाटी में अंतरराष्ट्रीय निवेशक सम्मेलन होगा।
बयान के मुताबिक सांस्कृतिक नृत्यों के अलावा असमी गायक माधब रंजन गोगोई ने अपने गायन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य के सांसद दिलीप सैकिया ने कहा कि राज्य तेज गति से प्रगति कर रहा है तथा वह शीघ्र ही देश के पांच विकसित राज्यों के समूह में शामिल हो जाएगा।
सैकिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण के अनुरूप असम भी 'विकसित असम' की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी से अधिक किसी भी प्रधानमंत्री ने असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र को इतना महत्व नहीं दिया।
इस साल के व्यापार मेला का समापन बुधवार को हो रहा है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)