असम विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने जारी की 70 उम्मीदवारों की पहली सूची

भाजपा ने शुक्रवार को आगामी असम विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपने 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल माजुली से, प्रदेश अध्यक्ष रंजीत दास पटाचारकुची से और राज्य सरकार के मंत्री हेमंत विश्व सरमा जलकुबारी से चुनाव लड़ेंगे.

BJP | (Photo: PTI)

नयी दिल्ली, पांच फरवरी: भाजपा ने शुक्रवार को आगामी असम विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपने 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल माजुली से, प्रदेश अध्यक्ष रंजीत दास पटाचारकुची से और राज्य सरकार के मंत्री हेमंत विश्व सरमा जलकुबारी से चुनाव लड़ेंगे.

पार्टी ने 11 वर्तमान विधायकों के टिकट काटे हैं जबकि 11 सीटों पर अनुसूचित जनजाति और चार सीटों पर अनुसूचित जनजाति उम्मीदवारों को टिकट दिया.भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की.

उन्होंने बताया कि असम में अपने सहयोगी दलों असम गण परिषद (अगप) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी. उन्होंने बताया कि सीटों के तालमेल के मुताबिक 126 सदस्यीय राज्य विधानसभा की 26 सीटों पर अगप और आठ सीटों यूपीपीएल जबकि शेष 92 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी.

भाजपा ने जिन 70 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की उन पर पहले और दूसरे चरण में मतदान होना है. राज्य में तीन चरणों में मतदान होने हैं. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 60 सीटों पर जीत मिली थी जबकि अगप को 14 सीटों पर जीत मिली थी. यूपीपीएल भाजपा के साथ गठबंधन का हाल ही में हिस्सा बनी है. फिलहाल विधानसभा में उसका एक भी सदस्य नहीं है.

पिछले चुनाव में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने भाजपा और अगप के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और उसने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार चुनाव में बीपीएफ ने कांग्रेस और एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया है.

असम में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न होगा. पहले चरण के तहत राज्य की 47 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत 39 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल और तीसरे व अंतिम चरण के तहत 40 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल को मतदान संपन्न होगा. नामांकन की आखिरी तारीख नौ मार्च है.

इस बार के चुनाव असम में भाजपा को अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है. वहां उसका सामना कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है. भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सालों के कांग्रेस शासन का अंत करते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सत्ता हासिल की थी.

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