Assembly Election Results 2021: देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी (Puducherry) में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे पूरी तरह से सामने आ गए हैं. पश्चिम बंगाल (West Bengal), असम, केरल (Kerala), तमिलनाडु और पुडुचेरी के नतीजे सामने आने के बाद अब इन जगहों पर अगला कदम नई सरकारों के गठन का होगा. इस बार चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव कोरोना संकट के दौरान हुए. मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में जबकि असम (Assam) में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न हुए. वहीं, तमिलनाडु (Tamil Nadu), केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान संपन्न हुआ. यह भी पढ़ें- Election Results 2021: बंगाल और तमिलनाडु के रिजल्ट के बीच इस छोटे प्रदेश पर नही गई ज्यादा लोगों की नजर, चुनावी आंकड़े है बेहद दिलचस्प.
बता दें कि पश्चिम बंगाल, असम और केरल में सत्ताधारी पार्टियों और गठबंधनों ने जीत दोहराई वहीं तमिलनाडुऔर पुडुचेरी में सत्ता परिवर्तन हुआ. आइए जानते है इन चार राज्यों और एक एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में अंतिम नतीजे क्या रहे-
पश्चिम बंगाल-
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है और लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता अपने पास बरकरार रखी है. चुनाव आयोग द्वारा घोषित अंतिम परिणाम के अनुसार, टीएमसी को 292 विधानसभा सीटों में से 213 पर जीत हासिल हुई है जो बहुमत के जादुई आंकड़े से भी कहीं अधिक है. वहीं, इस विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक देने वाली बीजेपी 77 सीटों पर विजयी रही है, इसके साथ ही राष्ट्रीय सेकुलर मजलिस पार्टी के चिह्न पर चुनाव लड़ने वाली आईएसएफ को एक सीट मिली है और एक निर्दलीय प्रत्याशी भी जीत दर्ज करने में सफल रहा है. राज्य में दशकों तक शासन करनेवाले वाम मोर्चा और कांग्रेस का इस बार खाता भी नहीं खुला.
असम-
बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 126 सदस्यीय असम विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 74 सीटों पर जीत हासिल करके राज्य में अपनी पकड़ बनाए रखी, जबकि विपक्षी कांग्रेस नीत महागठबंधन 50 सीट ही हासिल कर पाई. चुनाव आयोग के अनुसार, बीजेपी ने 2016 की तरह इस बार भी अकेले 60 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि उसकी सहयोगी असम गण परिषद को नौ सीटों पर जीत मिली, जो उसे पिछले चुनाव में उसे मिली सीट से पांच कम हैं. विजेता गठबंधन के तीसरे सदस्य यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने छह सीट जीतीं. ये सभी सीटें उसने बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) से जीतीं. कांग्रेस ने 29 सीट जीतीं, जबकि पिछले चुनाव में उसने 26 सीट हासिल की थीं. कांग्रेस के सहयोगी दल ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने 16 सीटों पर विजय प्राप्त की, जो 2016 से तीन अधिक सीट हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुई बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) को चार सीट मिलीं.
तमिलनाडु-
डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने 2019 लोकसभा चुनाव के अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराते हुए तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में बेहतरीन जीत हासिल की. विधानसभा चुनाव में डीएमके ने 133 सीटें जीत ली हैं. वहीं डीएमके की सहयोगी कांग्रेस को 18 सीटों पर जीत हासिल हुई है. अन्नाद्रमुक को 66 सीटें मिली हैं.
केरल-
एलडीएफ ने इतिहास रचते हुए केरल में फिर से सत्ता में वापसी की और राज्य में वाम और कांग्रेस के नेतृत्व वाले मोर्चे के बारी-बारी से सत्ता में आने के दशकों पुराने चलन को तोड़ दिया. एलडीएफ ने 140 सदस्यीय विधानसभा में 99 सीटें जीतीं जबकि विपक्षी यूडीएफ ने 41 सीटें जीतीं. वहीं, बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई. केरल विधानसभा में 2001 के बाद पहली बार महिला विधायकों का प्रतिनिधित्व बढ़कर दोहरे अंक में पहुंचा है. छह अप्रैल को 140 सदस्यीय सदन के लिए हुए चुनाव में 11 महिलाएं विधानसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं. चुनाव आयेाग के आंकड़े के मुताबिक, चुनावों में 103 महिलाओं ने किस्मत आजमाई थी, जिनमें से केवल 11 निर्वाचित हुई हैं.
पुडुचेरी-
पुडुचेरी में पहली बार बीजेपी सरकार को हिस्सा बनने जा रही है. विधानसभा चुनाव में उसने छह सीटें जीतकर एनडीए को सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. 30 सीटों की विधानसभा वाले इस केंद्र शासित प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री एन रंगासामी के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस (एआईएनआरसी) 10 सीटें जीती और बीजेपी की छह सीटों के साथ एनडीए ने बहुमत के लिए आवश्यक 16 के जादुई आंकड़े को पा लिया. कांग्रेस ने यहां की 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उनमें से दो ही जीत का स्वाद चख सके. कांग्रेस के सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कषगम को छह सीटों पर जीत मिली. छह निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव में जीत हासिल हुई है. केंद्र शासित प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब छह निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की.