US Presidential Election: एक गेहुआं रंग की लड़की के रूप में मैंने अमेरिका में सपनों को पूरा होते देखा है: निक्की हेली
भारतीय मूल की रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने बुधवार को कहा कि अश्वेत-श्वेत दुनिया में बड़ी हुई एक गेहुआं रंग की लड़की के रूप में उन्होंने अमेरिका में सपनों को साकार होते हुए देखा है.
कार्लेस्टन (साउथ कैरोलिना), 16 फरवरी : भारतीय मूल की रिपब्लिकन नेता निक्की हेली (Nikki Haley) ने बुधवार को कहा कि अश्वेत-श्वेत दुनिया में बड़ी हुई एक गेहुआं रंग की लड़की के रूप में उन्होंने अमेरिका में सपनों को साकार होते हुए देखा है. हेली ने 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा करने के बाद पहले सार्वजनिक भाषण में ये बात कही. साउथ कैरोलिना के तटीय शहर कार्लेस्टन में एक कार्यक्रम के दौरान अपने उत्साहित समर्थकों को संबोधित करते हुए हेली ने कहा, “मुझे पहले से कहीं अधिक विश्वास है कि हम अपने समय में इस दृष्टिकोण को वास्तविक बना सकते हैं - क्योंकि मैंने अपने पूरे जीवन में यही देखा है.
एक श्वेत-अश्वेत दुनिया में पली-बढ़ी गेहुआं लड़की के रूप में मैंने अमेरिका में सपनों को साकार होते हुए देखा है.” हेली ने संयुक्त राष्ट्र में अपने अनुभव, भारतीय प्रवासियों की संतान के रूप में अपनी पृष्ठभूमि का जिक्र किया और जोर देकर कहा, “मैं जो कह रही हूं वह सच है, अमेरिका एक नस्लवादी देश नहीं है.” निक्की हेली उर्फ निमरत निक्की रंधावा का जन्म 1972 में दक्षिण कैरोलिना के बामबर्ग में सिख माता-पिता अजीत सिंह रंधावा और राज कौर रंधावा के यहां हुआ था, जो 1960 के दशक में पंजाब से कनाडा गए और फिर अमेरिका आकर बस गए थे. हेली एक सिख महिला के तौर पर बड़ी हुईं, लेकिन 1996 में माइकल हेली से शादी के बाद उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया. यह भी पढ़ें : दक्षिण अफ्रीका से चीतों को भारत भेजने की योजना तीन साल बाद शनिवार को होगी पूरी
अमेरिका में अपने जीवन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता ने बेहतर जीवन की तलाश में भारत छोड़ा. वे यहां बामबर्ग, साउथ कैरोलिना में बसे, जिसकी आबादी 2,500 थी. हमारा छोटा शहर हमसे प्यार करने लगा, लेकिन यह हमेशा आसान नहीं था. हमारा परिवार एकमात्र भारतीय परिवार था. कोई नहीं जानता था कि हम कौन थे, हम क्या थे, या हम यहां क्यों आए थे.” उन्होंने कहा, “लेकिन मेरे माता-पिता जानते थे. और हर दिन, उन्होंने मुझे, मेरे भाइयों और मेरी बहन को याद दिलाया कि हमारे सबसे बुरे दिन में भी, हम अमेरिका में रहने के लिए धन्य हैं. वे तब सही थे - और वे अब भी सही हैं. मेरे माता-पिता एक ऐसे देश में आए थे जो ताकतवर बन रहा था और जिसका आत्मविश्वास बढ़ रहा था.”