विदेश की खबरें | चिर प्रतिद्वंद्वी कोरियाई देशों ने मिसाइल परीक्षण किए, तनाव बढ़ा

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि उसने बुधवार दोपहर पानी के अंदर लक्ष्य को भेदने वाली अपनी पहली मिसाइल का परीक्षण किया है। उसने कहा कि एक स्वदेश निर्मित मिसाइल 3,000 टन श्रेणी की पनडुब्बी से दागी गई और इसने अपने निर्धारित लक्ष्य को भेदने से पहले पूर्व निर्धारित दूरी तय की।

बयान में कहा गया है कि इस मिसाइल से दक्षिण कोरिया को संभावित बाहरी खतरों को रोकने, अपनी आत्म रक्षा को मजबूत करने और कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति को बढ़ावा देने में मदद मिलने की उम्मीद है।

इससे पहले दक्षिण कोरिया की सेना ने बुधवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने छोटी दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है। सोमवार को उत्तर कोरिया ने कहा था कि उसने छह महीनों में पहली बार नव विकसित क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया।

विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइलों का परीक्षण फिर से शुरू करने का मकसद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पर परमाणु वार्ता को लेकर दबाव बनाना हो सकता है।

दक्षिण कोरिया आम तौर पर अपने हाई-प्रोफाइल हथियारों के परीक्षण की जानकारी सार्वजनिक नहीं करता है क्योंकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उत्तर कोरिया अनावश्यक रूप से भड़क सकता है। पर्यवेक्षकों का कहना है हो सकता है कि मून जेई इन की सरकार इस आलोचना का जवाब दे रही हो कि उसने उत्तर कोरियाई बहुत अधिक नरम रुख अपनाया हुआ है। उनकी सरकार उत्तर कोरिया के साथ सुलह पर सक्रियता से काम कर रही है।

दक्षिण कोरिया की सेना ने बताया कि उत्तर कोरियाई मिसाइलें बुधवार को करीब 800 किलोमीटर की दूर तय करने के बाद कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच समुद्र में गिरी।

अमेरिका हिंद-प्रशांत कमान ने कहा कि इन परीक्षणों से ‘‘अमेरिका या उसके सहयोगियों को निजी या क्षेत्रीय’’ रूप से कोई निकटवर्ती खतरा नहीं है।

जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा, ‘‘गोलीबारी से जापान और क्षेत्र की शांति एवं सुरक्षा को खतरा है तथा यह बिल्कुल घृणित है। जापान की सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी निगरानी बढ़ाने को लेकर दृढ़ संकल्पित है।’’

जापान के तटरक्षक बल ने बताया कि मिसाइलों से किसी भी जहाज या विमान को नुकसान नहीं पहुंचा है।

उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण ऐसे वक्त में किया है जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी परमाणु वार्ता में गतिरोध पर दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा से करने के लिए सियोल में हैं।

मून के कार्यालय ने बताया कि राष्ट्रपति ने वांग से कहा कि वह उत्तर कोरियाई परमाणु गतिरोध को हल करने में अंतररराष्ट्रीय कूटनीतिक कोशिशों में चीन की भूमिका की सराहना करते हैं और उन्होंने बीजिंग से सहयोग करते रहने को कहा। वांग ने कहा कि बीजिंग कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण और दोनों कोरियाई देशों के बीच संबंधों में सुधार का समर्थन करता रहेगा।

अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु वार्ता 2019 से रुकी हुई है जब अमेरिका ने एक पुराने परमाणु केंद्र को नष्ट करने के बदले में प्रतिबंधों से बड़ी राहत देने की उत्तर कोरिया की मांग खारिज कर दी थी।

किम जोंग उन की सरकार ने अमेरिका को निशाना बनाने वाले हाई-टेक हथियार बनाने की धमकी दी और जो बाइडन प्रशासन की संवाद की पहल को खारिज करते हुए सबसे पहले अमेरिका से अपनी ‘‘शत्रुतापूर्ण’’ नीतियों को छोड़ने को कहा था।

एपी

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)